घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, 14 नवंबर 2023 की रात बोड़ालता गांव में यह दर्दनाक घटना घटी। आरोपी अनिल कुजूर 46 वर्ष, जो नारायणपुर थाना क्षेत्र का निवासी है, उसने अपनी भाभी अल्पमुनी पर जादू-टोना कर अपने बेटे सुमित को गायब करने का आरोप लगाया। घटना के दिन अनिल का बेटा सुमित अपने पिता से विवाद के बाद जंगल की ओर चला गया था और फोन पर सूचना दी कि उसने जहर पी लिया है।
सुमित को जंगल में तलाशने में विफल रहने के बाद अनिल ने अपनी भाभी अल्पमुनी पर जादू-टोना का आरोप लगाते हुए हंसिया लेकर उसके घर में जबरन प्रवेश किया। उसने अल्पमुनी को घसीटकर तालाब के पास ले जाकर धारदार हंसिया से उसकी बेरहमी से
हत्या कर दी। यह विभत्स दृश्य मृतिका की नाबालिग पुत्री स्मृति ने देखा और अपने रिश्तेदारों को घटना की जानकारी दी। न्यायालय ने मृतिका की नाबालिग पुत्री स्मृति की दुर्दशा को ध्यान में रखते हुए, उसे विधि अनुसार क्षतिपूर्ति प्रदान करने का भी आदेश दिया।
दोनो सजाएं चलेंगी एक साथ
न्यायालय में अभियोजन पक्ष ने सभी आवश्यक साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत किए। अपर लोक अभियोजक श्यामा महानंद ने प्रभावी पैरवी करते हुए घटना की गंभीरता को रेखांकित किया। गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार दिया। न्यायालय ने आरोपी अनिल कुजूर को निनलिखित सजाएं सुनाई, भारतीय दंड संहिता की धारा 450,10 वर्ष का सश्रम कारावास। धारा 364, 10 वर्ष का सश्रम कारावास। धारा 302 आजीवन कारावास।
छग टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम की धारा 4, 2 वर्ष का सश्रम कारावास। धारा 5, 3 वर्ष का सश्रम कारावास। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसके अतिरिक्त, आरोपी पर आर्थिक दंड भी लगाया गया।