लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या से अस्पताल में बेड की कमी हो गई है। बेड की कमी की वजह से एक बेड में दो मरीजों के सोने की स्थिति निर्मित हो गई है। जिला मुख्यालय में स्थित शासकीय अस्पताल के पुरूष और महिला दोनों ही वार्ड में मरीजों की संख्या फुल हो गई है। नए मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड की कमी होती जा रही है। दरअसल जिला अस्पताल में स्थित १०० बिस्तर के अलावा वृद्ध वार्ड के वैकल्पिक बिस्तर में भी मरीजों की संख्या फुल हो गई है। जिला मुख्यालय के आसपास के गावों और कस्बों के अलावा सरहदी क्षेत्र झारखंड के मरीज भी जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिससे संख्या और बढ़ती जा रही है। पुरूष, महिला और बच्चे सभी डायरिया से पीडि़त हैं।
५०० से ७०० तक पहुंची संख्या – बाह्य (ओपीडी) और आंतरिक (आईपीडी) मिलाकर अस्पताल में मरीजों की संख्या ५ और ६ सितंबर को ७०० के करीब पहुंच गई। ओपीडी में लगभग ५५० मरीज पहुंचे और आईपीडी में लगभग १५० मरीज पहुंचे। इनमें अधिकांश मरीज उल्टी और दस्त से पीडि़त रहे। जिला अस्पताल में पूरे दिन ५०० का आंकड़ा पार हो रहा है। मौसम के प्रभाव से १५ दिनों में मरीजों का आंकड़ा ७ हजार ५०० तक पहुंच गया। इतनी बड़ी संख्या में मरीजों के अस्पताल पहुंचने से अस्पताल में उपस्थित व्यवस्था भी कम पडऩे लगी है।
झारखंड के मरीज भी पहुंचे – जिला अस्पताल में पड़ोसी राज्य झारखंड के मरीज भी स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए पहुंच रहे हैं। दरअसल जिले के सरहदी क्षेत्र में लावा नदी के उस पार स्थित मनोरा विकासखंड के डडग़ांव ग्राम पंचायत और उससे लगे झारखंड का ग्राम गोविंदपुर में डायरिया का प्रकोप है। वहां के एक दर्जन मरीज जिला अस्पताल में एक साथ भर्ती हैं। पड़ोसी राज्य में गोविंदपुर तक स्वास्थ्य सुविधा की कमी की वजह से सारे मरीज जशपुर आकर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
आईसीसीयू में मरीज फुल – जिला अस्पताल में उपस्थित आईसीसीयू में भी बिस्तर फुल हैं। १० बिस्तरों का आईसीसीयू भी मौसम से प्रभावित है। यहां गंभीर रूप से पीडि़त मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया जा रहा है।
५ दिनों में पहुंचे मरीज
दिनांक ओपीडी
११ सितंबर ४८३
१२ सितंबर ४३५
१३ सितंबर ४०७
१४ सितंबर ३४६
१५ सितंबर २३१