देश और विश्व के फार्मासिस्ट के सम्मान में 25 सितम्बर को अंतरराष्ट्रीय फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष इसके लिए एक थीम जारी होती है। साल 2024 में अंतरराष्ट्रीय फार्मास्युटिकल फेडरेशन ने फार्मासिस्ट वैश्विक स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति थीम तय की है। इस साल इस साल यह फार्मासिस्ट दिवस का 16वां साल है। विश्व में पहली बार साल 2009 में फार्मासिस्ट दिवस मनाया गया था। फार्मासिस्ट दवा क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने का कार्य करते हैं।
फार्मासिस्ट दिवस का इतिहास 2024
प्रतिवर्ष 25 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व फार्मासिस्ट दिवस को पहली बार साल 2009 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने की मांग इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (एफआईपी) ने वर्ष 2000 में इस्तांबुल में आयोजित एक सम्मेलन में की थी। सम्मेलन के दौरान इस दिन को मान्यता (World Pharmacist Day) दे दी गई। हालांकि पहली बार इस्तांबुल, तुर्की में फार्मेसी और फार्मास्युटिकल साइंस को एफआईपी ने विश्व कांग्रेस में 2009 को मनाया। World Pharmacist Day 2024: वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे का मुख्य उद्देश्य
- – सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना
– वैश्विक सहयोग पेशे को आगे बढ़ाना
– युवा को समाज के लिए प्रेरित करना
– युवा को समाज के लिए प्रेरित करना
– हेल्थकेयर कर्मियों को सम्मानित करना
– समाज में जागरूकता अभियान चलाना
स्वास्थ्य विभाग की रीड़ होती है फार्मासिस्ट
नई दवाइयों की खोज और बनाने में फार्मासिस्ट का बड़ा योगदान होता है। विभिन्न प्रकार के टीके का आविष्कार करना और बाजार में पहुंचाना फार्मासिस्ट का अहम रोल है। साथ ही नई दवाओं की खोज के साथ उसे सुरक्षित रखने जैसे कार्य भी इन्हीं के जिम्मे आते हैं। फार्मासिस्ट किसी भी देश के स्वास्थ्य विभाग की रीड़ होती है। फार्मासिस्ट संघ के जिला अध्यक्ष प्रकाश कश्यप ने बताया कि फार्मासिस्टम मरीजों की देखभाल में महत्वपूर्ण योगदान करता है, जैसे दवा के उपयोग की निगरानी, दुष्प्रभावों की पहचान और उपचार की समीक्षा करते हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश लोग दुकान में बुखार सहित अन्य बीमारी का दवा ही मांगने पहुंचते हैं।
ऐसे में फार्मासिस्ट उसको दवा दे देता है। इस तरह
चिकित्सक का भी काम करते हैं। कचहरी चौक पर मेडिकल स्टोर संचालित कर रहे फार्मासिस्ट नर्मदेश्वर देव मित्रा पिछले 11 सालों से सेवाएं दे रहे हैं। वे बताते हैं कि हमारी यही इच्छा रहती है कि जो दवा मरीज को दे रहे हैं, उससे वह स्वस्थ हो जाए। एक फार्मासिस्ट बीमार के लिए बेहतर से बेहतर दवा देता है। फार्मासिस्ट सुरेश राठौर का कहना है कि बीमार को समय पर दवा उपलब्ध हो जाए, इसी लक्ष्य को लेकर एक फार्मासिस्ट चलता है। फार्मासिस्ट का दवा दुकानों के साथ दवाइयों को बनाने और खोज करने में भी अहम भूमिका है।
World Pharmacist Day 2024: कोविड महामारी में मैदान में डटे रहे
कोरोना की शुरूआत में जब पूरा बाजार बिल्कुल सूना और बंद रहता था, उस समय भी फार्मासिस्ट एक वॉरियर्स की तरह मैदान में डटे थे। बीमार लोग स्वस्थ हो सके, इसके लिए महामारी के भयंकर दौर में भी अपनी सेवाएं दी। दवा की दुकानों पर एक सिपाही की तरह फार्मासिस्ट तैनात रहे। यहां तक की मरीजों को अन्य राज्यों से दवाइयां मंगवाकर उपलब्ध करवाई और उनके दूर-दराज के गांवों में घरों तक भी पहुंचाई। किसी ने कहा कि दवा की दुकान पर फार्मासिस्ट का काम बैठकर नहीं किया जा सकता है। इसलिए वह हमेशा खड़े ही रहते हैं, जो उन्हें लड़ाई (बीमारी) में योद्धा के रूप में प्रतिबिंबित करता है।