विश्वविद्यायालय के इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट के अध्ययन शाला में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यरूप से हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति प्रो. अरुणा पल्टा उपस्थित रहीं। प्रो. पल्टा ने अपने उद्बोधन में अनुभव शेयर करते हुए बताया कि कैसे 1990 के दशक में जब यह प्रोगाम शुरू हुआ और उन्होने अपना फैकेल्टी ग्रुप बनाया था। इसके बाद उन्होंने विभिन्न कॉलेजों में जाकर छात्रों को उद्यमिता, कौशल, असफलता के प्रति जागरूक किया। उन्होने कहा कि एक उद्यमी को कभी अवसर नहीं गवाना चाहिए और असफलता से बिना घबराये सफलता की सीढ़ी बनानी चाहिए। कार्यशाला की अध्यक्षता प्रो. केएल वर्मा, कुलपति पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने की। उन्होंने स्किल डेवलपमेंट पर अपनी बात रखी। कार्यशाला में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. गिरीश कांत पाण्डे, सिटकॉन के राज्य प्रमुख पीके निमोनकर, कार्यशाला के समन्वयक प्रो. संजय तिवारी सहित बड़ी संख्या में फैकेल्टी मेंबर मौजूद रहे।