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इसी दौरान प्रधानमंत्री ने जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर यशवंत कुमार से जानना चाहा कि उनके जिले में कितने गांव हैं। कलेक्टर यशवंत कुमार ने पहले 600 से 700 गांव बताया फिर कहा कि 1400 गांव हैं। लेकिन उनका जवाब गलत था। जांजगीर में 915 गांव और 657 ग्राम पंचायतें हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री ने जब पूछा कितने गांवों में कोरोना फैला हुआ है और कितने अभी बचे हुए हैं। इस पर भी यशवंत कुमार बगले झांकते नजर आए और उन्होंने कहा, अभी ऐसा कोई डाटा हमारे पास नहीं है।यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में संक्रमितों की संख्या रह गई तिहाई पर मौतें बढ़ा रही चिंता
क्या बैठक में बिना होमवर्क के उतरे थे कलेक्टर
जांजगीर के कलेक्टर यशवंत कुमार बिना किसी तैयारी के मीटिंग में शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री के सवालों के जवाब देने में कई बार गलतबयानी की।
बिलासपुर कलेक्टर ने कहा, हमने इंटीग्रेटेड एफर्ट सेे घटाए केस
बिलासपुर कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने प्रधानमंत्री को बताया कि जिला प्रशासन ने रणनीतिक ढंग से काम किया है। इससे यहां केस लगातार घट रहे हैं। वहीं कोरबा, रायगढ़ कलेक्टर के बात करने का नंबर नहीं आया।
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एक और गलतबयानी कर गए यशवंत कुमार
जांजगीर कलेक्टर यशवंत कुमार (Janjgir Collector Yashwant Kumar) ने चर्चा के दौरान एक गलतबयानी कर गए। उन्होंने कहा कोविड सेंटरों में हमने टीवी, योगा क्लास आदि मनोरंजन की व्यवस्था कर रख़ी है जबकि वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं है। बीते दिनों 7 सेंटरों का उद्घाटन हुआ है, जिनमें 16 करोड़ रुपए का सामाजिक, औद्योगिक सहयोग लिया गया है। इन सेंटरों को लेकर जनपद, जिला पंचायत प्रतिनिधियों ने सवाल उठाए हैं।