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जांजगीर चंपा

फेफड़े के संक्रमण की जांच अब जिला अस्पताल में, पीएफटी मशीन लगी

Janjgir Champa News: जिला अस्पताल में एडंवास पीएफटी (पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट) की मशीन शुक्रवार को इंस्ट्राल कर दी गई।

जांजगीर चंपाOct 21, 2023 / 02:08 pm

Khyati Parihar

Lung infection investigation now in district hospital Janjgir champa

फेफड़े के संक्रमण की जांच अब जिला अस्पताल में

जांजगीर-चांपा। Chhattisgarh News: जिला अस्पताल में एडंवास पीएफटी (पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट) की मशीन शुक्रवार को इंस्ट्राल कर दी गई। इस मशीन के जरिए फेफड़ों की कार्यक्षमता की जांच आसानी से हो जाएगी। अब तक इसकी सुविधा यहां नहीं थी। मरीजों को बाहर जाकर टेस्ट कराना पड़ता था।
फेफड़े से संबंधित मरीजों की जांच अब जिला अस्पताल में ही हो जाएगी और मरीजों को राहत मिलेगी। मरीजों की जांच एमडी सिविल सर्जन डॉ. एके जगत, डॉ. आलोक मंगलम व डॉ. शहबाज खांडा द्वारा की जाएगी।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बाद फेफड़ों में तकलीफ बढ़ने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके चलते पीएफटी टेस्टिंग की जरुरत जिला अस्पताल में महसूस की जा रही थी। इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन जुटा हुआ था। जिसके बाद यह मशीन अस्पताल प्रबंधन को उपलब्ध कराई गई। इस मशीन में फेफड़े की कार्यक्षमता के अलावा कुल प्रकार के टेस्ट होते हैं। इस तरह के टेस्ट के लिए निजी अस्पतालों में 7 से 8 हजार रुपए तक मरीजों को चुकाने पड़ते हैं। यहां जिला अस्पताल में इस टेस्ट के लिए मरीजों को काफी कम फीस देनी होगी। जिसका निर्णय जल्द ही अस्पताल प्रबंधन के द्वारा लिया जाएगा। बहरहाल जिला अस्पताल में नई-नई जांच की सुविधा बढ़ते क्रम में है।
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फिजियोथैरेपी सेंटर में मिलेगी जांच की सुविधा

जिला अस्पताल में फिजियोथैरेपी की सुविधा भी शुरू हो गई है। मरीजों को यहां नि:शुल्क जांच और इलाज की सुविधा दी जा रही है। एडंवास मशीनों के जरिए यहां फिजियोथैरेपी का लाभ मरीज लेने पहुंच रहे हैं। डॉ. कार्तिक बघेल और डॉ. रितुराज सिंह को जांच और इलाज की जिम्मेदारी दी गई है। अब पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट की मशीन भी फिजियोथैरेपी सेंटर में ही इंस्टाल की गई है।
पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट की मिलेगी सुविधा: सीएस

सिविल सर्जन डॉ. जगत ने बताया कि कोविड के पहले भी फेफड़ों की समस्या से ग्रसित मरीज आते थे लेकिन कोविड के बाद ऐसे मामले ज्यादा देखने को मिल रहे है। पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट मशीन के जरिए जांच से यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि मरीज के फेफड़े कितनी कार्यक्षमता से काम कर रहे हैं। टेस्ट से पता चल पाता है कि संक्रमण कितना है। इसी आधार पर इलाज शुरू होता है।

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