नोटिस से कॉलोनी में निवासरत 500 परिवार के बीच संशय की स्थिति बन चुकी है। कालोनीवासियों का कहना है कि अगर नगरपालिका इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वे बीच मझधार में फंस जाएंगे। आखिर उन्हें बिजली पानी साफ सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं कैसे मिलेगी।
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की एक नोटिस के चलते हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में जबरदस्त हड़कंप मच गया है। दरअसल, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने सीएमओ नगरपालिका को 21 नवंबर को नोटिस जारी किया है। जिसमें स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी है कि 10 अगस्त 2022 को हसदेव विहार हाऊसिंग बोर्ड कालोनी विधिवत नगरपालिका को हस्तांतरित कर दिया गया है। 1 सितंबर 2022 से उक्त कालोनी अंतर्गत रख रखाव, जल प्रदाय एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं कालोनी में उपलब्ध कराने नगरपालिका जिम्मेदर रहेगा। बाकायदा इसकी नोटिस पहले भी दी जा चुकी है। लेकिन नगरपालिका ने इस दिशा में कारगर कदम नहीं उठाए। जिसके चलते कालोनी वासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। क्योंकि कालोनीवासी दो पाटों के बीच फंसे हुए हैं।
चौकीदार, माली, स्वीपर भी हटाए जाएंगे इस दौरान हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के द्वारा चौकीदार, माली, स्वीपर जैसे सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही थी। लेकिन अब यह कालोनी नगरपालिका को हस्तांतरित किए जाने के बाद छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने इन सुविधाओं को देने के लिए हाथ खड़े कर दिया है। जिससे कालोनीवासियों में हड़कंप मच गया है।
नगरपालिका ने लिया अब तक हल्के में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने नगरपालिका को लगातार इस संबंध में नोटिस जारी कर कालोनी को अपने सुपुर्द करने के लिए कहा है लेकिन नगरपालिका ने इस संबंध में खामोश ही नजर आई है। जिसे लेकर दोनों पाटों के बीच लोग पिसते नजर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल का स्पष्ट कहना है कि जब आपके द्वारा कॉलोनीवासियों से टेक्स लिया जा रहा है तो उन्हें मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि क्या नगरपालिका केवल टेक्स लेने के हकदार है। लोगों को सुविधाएं देने पीछे क्यों हट रहे हैं।
इस तिथि से कर लेंगे अलग छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने साफ तौर पर कहा है कि 12 दिसंबर 2023 से हसदेव विहार कालोनी में जल प्रदाय का संचालन बंद कर दिया जाएगा। साथ ही इस तिथि से जलकर में संलग्न श्रमिकों को भी हटा लिया जाएगा। अत: 15 दिसंबर 2023 से नगरपालिका परिषद स्तर पर जल प्रदाय एवं रखरखाव व्यवस्था संचालित करे। उन्होंने यह भी कहा है कि इस तिथि के बाद हमारी जिम्मेदारी किसी तरह की नहीं रहेगी।
इसलिए अहम है यह कॉलोनी हसदेव विहार कालोनी में तकरीबन 500 मकान है। जिसमें एचआईजी, एमआईजी से लेकर इडब्ल्यूएस के मकान है। कॉलोनी में अफसर ग्रेड के लोगों का भी रहना होता है। कई बड़े लोगों ने यहां मकान खरीदकर वीआईपी लोगों को भी किराए में दिया है। कलेक्टर एसपी को छोड़कर हर बड़े वर्ग के वीआईपी यहां किराए के मकान में रहते हैं। यदि उन्हें बिजली पानी चौकीदार जैसी बड़ी सुविधाएं नहीं मिलेगी तो हायतौबा मच जाएगी। जिसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा।
वन टाइम सेटलमेंट के तहत करार नहीं इधर नगरपालिका का कहना है कि नियम एवं शर्तों के अनुसार छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल से वन टाइन सेटलमेंट के तहत करार नहीं हुआ है। नपा का कहना है कि जब तक हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी बिजली पानी सड़क जैसे मूलभूत सुविधाओं को अपडेट कर नहीं देगा तब तक हम कालोनी अपने सुपुर्द नहीं लेंगे। वहीं अधिकारियों का कहना है कि यहां के चंद मकानों का ही टेक्स जमा हुआ है। 95 फीसदी लोग टैक्स देना शुरू नहीं किए हैं।
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल से एक चिट्ठी आई है। उसे मैं देख नहीं पाया हूं। इससे पहले भी हमें एक चिट्ठी मिली थी जिसमें कुछ-कुछ करार है। जिसे छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने पूरा नहीं किया है। उन्हें भी चिट्ठी का जवाब दिया जाएगा। – चंदन शर्मा, सीएमओ, नगरपालिका जांजगीर-नैला