Electricity Bill CG: मई के बिल जून के पहले और दूसरे सप्ताह में उपभोक्ताओं को मिले तो उनके होश उड़ गए। जिन घरों के बिल बीते महीनों में दो सौ से तीन सौ रुपए आते थे, वे इस माह दो से ढाई हजार तक पहुंच गया है। अब लोग अपने बिल लेकर राहत पाने कंपनी के दफ्तर पहुंच रहे हैं।
दरअसल, यही मौका बिजली कंपनी के पास भी है कि उपभोक्ताओं से तगड़ी वसूली कर पुराने नुकसान की भरपाई कर सके। सीधे तौर पर वसूली मुश्किल होती है, ऐसे में बिलों की राशि बढ़ाने के तरीके ईजाद किए जाते हैं। सरकार ने उपभोक्ताओं को कई तरह की रियायतें दी हैं, जिनमें सब्सिडी योजना भी है। जो मीटर की रीडिंग पर निर्भर करती है।
सब्सिडी के दायरे में रीडिंग आने पर उसका लाभ मिलता है, इससे एक यूनिट भी अधिक होने पर पूरा बिल अदा करना पड़ता है। ठंड के दिनों में अधिकतर उपभोक्ता ऐसी योजना का लाभ उठा पाते हैं, जिससे बिजली कंपनी को नुकसान होता है। गर्मियों में जब खपत ज्यादा होती है तो सब्सिडी योजना का लाभ मिलना मुश्किल हो जाता है।
इस साल गर्मी अप्रैल माह तक इस योजना का लाभ उठाया। अब जब गर्मी बढ़ी तो मीटर की रीडिंग भी बढ़ गई, जो सब्सिडी की लिमिट को पार कर गई और बिल की राशि कई गुना बढ़ गई। ऐसा हाल इस माह जून में अधिकांश उपभोक्ताओं के साथ हो रहा है। इसलिए उपभोक्ता बिजली का बिल ज्यादा आने की बात को लेकर दफ्तर सुधरवाने पहुंच रहे हैं, लेकिन बिजली आफिस के अधिकारी उपभोक्ताओं को गर्मी में ज्यादा खपत होने के कारण बिल ज्यादा आने की समझाइश दे रहे हैं।
Electricity Bill CG: खपत के साथ ऐसे बढ़ता है बिजली बिल
बिजली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार 50 यूनिट तक का रेट अलग है, 51 से 100 यूनिट तक अलग और 101 से ऊपर यूनिट खपत का रेट अलग से तीनों को मिलाकर गणना कर बिल बनाया जाता है। यही कारण है कि मात्र एक यूनिट बढ़ने पर बिल कई गुना बढ़ जाता है। 400 यूनिट खपत होते ही उपभोक्ता सब्सिडी योजना से बाहर हो जाता है। इसके बाद बिजली हाफ योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।