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जांजगीर चंपा

कोरोना वायरस का ऐसा दिखा असर, 15 फीसदी रह गई पेट्रोल-डीजल की खपत

Corona Effect: वाहनों के पहिए थमने के कारण जिले के डीजल की बिक्री 7५ प्रतिशत से अधिक गिर गई है। अभी जिले में रोजाना केवल 1.50 लाख रुपए के डीजल की खपत है।

जांजगीर चंपाApr 05, 2020 / 05:22 pm

Vasudev Yadav

कोरोना वायरस का ऐसा दिखा असर, 15 फीसदी रह गई पेट्रोल-डीजल की खपत

कोरोना वायरस का ऐसा दिखा असर, 15 फीसदी रह गई पेट्रोल-डीजल की खपत

जांजगीर-चांपा. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने शहर लॉकडाउन है। इससे सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। इसका जबरदस्त असर पेट्रोल पंप पर पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल की बिक्री पहले से 75 फीसदी तक कम हो गई है। केवल सरकारी वाहन में ही डीजल व पेट्रोल डाला जा रहा है। बाकी समय पेट्रोल पंप संचालक केवल हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।
कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के कारण जिले की सड़कों के साथ एनएच पर भी सन्नाटा पसर गया है, जो वाहन चल रहे हैं वे केवल खाद्य पदार्थों व आवश्यक सेवाओं के हैं। इन्हें भी जिला प्रशासन की ओर से परमिट जारी किए हुए है। इसके अलावा वाहनों का संचालन थमा हुआ है। इस कारण जिले में पेट्रोल व डीजल की बिक्री भी कम हो गई है।
वाहनों के पहिए थमने के कारण जिले के डीजल की बिक्री 75 प्रतिशत से अधिक गिर गई है। अभी जिले में रोजाना केवल 1.50 लाख रुपए के डीजल की खपत है। जबकि लॉकडाउन से पहले जिले में रोजाना कम से कम 5.50 लाख रुपए का डीजल बिकता था।
ऐसी ही स्थिति जिले में पेट्रोल की भी है। पेट्रोल पहले रोजाना करीब 1.70 लाख रुपए का बिकता था। जबकि अब यह आंकड़ा घटकर 70 से 80 हजार पर आ गया है। लॉकडाउन के कारण लोग घरों से निकल ही नहीं रहे हैं। इसलिए पेट्रोल व डीजल की बिक्री बहुत कम हो गई है। पेट्रोल पंप संचालक हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।
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घरों से नहीं निकल रहे लोग
जिला प्रशासन की ओर से लॉकडाउन के बाद बहुत कम लोग वाहन लेकर घरों से निकल रहे हैं। शहर में जरूरत होने पर कुछ लोग वाहन लेकर सड़कों पर निकलते हंै, लेकिन हाइवे पर जाने वाले दुपहिया वाहन चालक नहीं जा रहे हैं। कार लेकर भी लोग कम ही शहर से बाहर जा रहे हैं। इस कारण पेट्रोल व डीजल की जरूरत भी कम पड़ रही है। इससे बिक्री भी घटी है।

डीजल से चलते हैं भारी वाहन
जिले में कार या अन्य बड़े वाहन डीजल से चलने वाले अधिक हंै। इनमें से भी कारें कम ही चल रही हैं। बड़े वाहन आवश्यक सामग्री के परिवहन में उपयोग में लिए जा रहे हंै। उनकी संख्या भी गिनती की है। ऐसे में पेट्रोल पंपों से डीजल भरवाने के लिए ट्रक, टैंकर या ट्रेलर चालक नहीं पहुंच रहे हैं। इस वजह से भी पेट्रोल व डीजल की खपत कम हो गई है और इनकी मांग भी।

जिले में 80 से 85 पेट्रोल पंप
जिले में शहरों व ग्रामीण क्षेत्र मिलाकर 80 से 85 पेट्रोल पंप है। शहर के बनारी रोड पेट्रोल पंप के संचालक रीकेश अग्रवाल ने बताया कि पहले से बिक्री बहुत कम हो गया है। केवल सरकारी गाड़ी में ही पेट्रोल डाल रहे हैं। घर से कोई निकल ही नहीं रहा है। मानें तो 75 प्रतिशत बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है।

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