लोगों ने पनाह देना किया बंद, पहाड़ों की ओर भागे…
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ( DGP ) दिलबाग सिंह ने बुधवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद सुरक्षा बलों की ओर से बनाए गए दबाव के चलते ज्यादातर आतंकियों ने पहाड़ों पर सुरक्षित स्थानों पर पनाह ले ली है। अब इन दहशतगर्दों को घेरने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से पहाड़ों पर घेराबंदी और तलाशी अभियान (कासो) चलाने की तैयारी है। त्राल में दो गुज्जरों की हत्या के बाद अब पहाड़ों पर आतंकियों को घेरने की योजना बनाई गई है। हकीकत पता चलने पर अब लोगों ने अपने घरों में इन्हें पनाह देना बंद कर दिया है। इस वजह से आतंकियों ने भागकर पहाड़ों पर सुरक्षित ठिकाना तलाश लिया है।
450 से अधिक आतंकियों की मौजूदगी
डीजीपी दिलबाग सिंह ने यह भी बताया कि घाटी में 230 पाकिस्तानी आतंकियों के साथ 450 से अधिक आतंकियों की मौजूदगी की सूचना है। उत्तरी कश्मीर में ज्यादातर पाकिस्तानी आतंकियों की मौजूदगी है। दक्षिणी कश्मीर में भी लश्कर-ए-तैयबा ( Lashkar-e-Taiba ) तथा जैश-ए-मोहम्मद की कमान पाकिस्तानी आतंकियों के हाथ है। हिजबुल से जुड़े आतंकी अधिक संख्या में दक्षिणी कश्मीर में सक्रिय हैं जिनमें ज्यादातर स्थानीय हैं।