आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार श्रीनगर में 3,300 सफाईकर्मी हैं, जिनमें से केवल 1600 नियमित कर्मचारी हैं, जबकि बाकी दैनिक पारिश्रमिक पर काम करते हैं। श्रीनगर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के एक अधिकारी ने कहा, “पहली बार, जम्मू-कश्मीर के सफाईकर्मियों के कल्याण के लिए कोई संगठन काम करेगा। सफाई कर्मचारी संघ अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद सोलीना ने कहा कि हमेशा हमारी उपेक्षा की है। जम्मू—कश्मीर में सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए एक भी योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों ने 365 दिन काम किया। हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कम वेतन वो भी देरी से मिलता है, जिससे कर्मचारियों का हौंसला जवाब देने लगा है। लेकिन अब हालात सुधरने की उम्मीद है। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग ने समयबद्ध योजना के तहत सफाई कर्मचारियों के लिए सुविधाएं और अवसर प्रदान करने के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों की सिफारिश की है। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अध्यक्ष मनहरवल्जी भाई ने कहा कि वे केंद्र शासित प्रदेश में एक सर्वेक्षण करने के लिए फरवरी के पहले सप्ताह में श्रीनगर जाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम जम्मू कश्मीर में आयोग का गठन करने के लिए निर्देश पारित करेंगे। अनुच्छेछ 370 के कारण, अधिनियम राज्य में लागू नहीं किया गया था। इधर श्रीनगर की यात्रा के दौरान, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की एक टीम ने पाया कि सफाई कर्मचारी से संबंधित कुछ कानूनों का अब तक उल्लंघन किया गया।