गांव के सवाईसिंह सांकरणा ने बताया कि गांव की कुल आबादी करीब 11 हजार है। पेयजल आपूर्ति 10 से 12 दिन में एक बार होती है। वह भी केवल आधा घंटा के लिए पानी आता है। इससे लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है और प्यास बुझाने जितना पानी भी एकत्रित नहीं हो पाता है। गांव के ही प्रहलादसिंह ने कहा कि गोशाला में करीब 900 गाय, 2 हजार से ऊपर भेड़-बकरियां सहित कुल चार हजार से ज्यादा मवेशी है। पानी की भयंकर समस्या के कारण सभी परेशान है। पहले भी कई बार ज्ञापन देकर समस्या को बताया था। मगर अभी भी कोई हल नहीं किया गया। प्रदर्शन में धुकसिंह, आशुसिंह, राजेंद्र सिंह, गोविंद सिंह, गोरधनसिंह, विशन सिंह, सवाराम, महेन्द्रसिंह, सोपाराम, अचल सिंह, तेजराज, मनसाराम, गोपाराम, नारायण राम, जगाराम, शंकर सिंह, राण सिंह, राजुपुरी, किशोर सिंह, हिम्मत सिंह व हकमा राम सहित कई ग्रामीण शामिल हुए।
कलक्टर ने तलब किया पीएचडी अफसरों को ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद कलक्टर निशांत जैन ने पीएचडी विभाग को तलब किया।नर्मदा प्रोजेक्ट के एईएन ब्रह्मानन्द शर्मा ने ग्रामीणों से वार्ता कर रोजाना पानी की लिमिट को एक से डेढ लाख लीटर बढ़ाकर सभी को आश्वस्त किया। अंत में ग्रामीणों ने कहा कि पानी की समस्या दूर नहीं हुई तो आगे बड़ा आंदोलन कर विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है।