माघ से भीनमाल को मिली है पहचान कवि माघ का संस्कृत साहित्य में अद्वितीय योगदान रहा है। कवि माघ के जन्म से भीनमाल नगरी को माघ नगरी के नाम से जाना जाता है। संस्कृत साहित्य माघ के योगदान से अछूता नहीं है। कवि माघ पर भारत सरकार की ओर से 9 फरवरी 2009 को डाक टिकट भी जारी किया था। जसवंतपुरा रोड पर माघ का पैनोरमा बनाया जा रहा है। यहां माघ चौक पर भामाशाह सुखराज नाहर के सहयोग से माघ की मूर्ति की प्रतिष्ठाकरवाई है।
माघ जयंती पर आज शहर में शुक्रवार को महाकवि माघ जयंती मनाई जाएंगी। इसके तहत माघ चौक पर माघ की मूर्ति पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना होगी। संयोजक डॉ. घनश्याम व्यास ने बताया कि कार्यक्रम में संस्कृति अकादमी की अध्यक्ष डॉ. जया दवे व संस्कृत शिक्षा के निदेशक डॉ. राजेन्द्र तिवाड़ी अतिथि होंगे। कार्यक्रम के तहत शुक्रवार सुबह विश्व कल्याणार्थ महायज्ञ, 7.30 बजे नगर परिक्रमा व 8 .30 बजे माघ का पूजन,10 बजे माघ की प्रासंगिकता पर संगोष्ठी व आमसभा होगी।