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‘शिशुपालम् वध’ महाकाव्य में समाहित है संस्कृत साहित्य

भीनमाल. महाकवि माघ देववाणी संस्कृत के श्रेष्ठ कवियों में शुमार है। उनके द्वारा रचित शिशुपालम् वध में पूरा संस्कृत साहित्य समाहित है। शिशुपालम् वध ग्रंथ को संस्कृति साहित्य का श्रेष्ठतम काव्य माना गया है।

जालोरFeb 10, 2017 / 10:14 am

pradeep beedawat

भीनमाल. महाकवि माघ देववाणी संस्कृत के श्रेष्ठ कवियों में शुमार है। उनके द्वारा रचित शिशुपालम् वध में पूरा संस्कृत साहित्य समाहित है। शिशुपालम् वध ग्रंथ को संस्कृति साहित्य का श्रेष्ठतम काव्य माना गया है। विद्वानों का कहना है कि कालीदास, भारवी, दण्डी एवं अश्वघोष की तरह उनका कवित्य लाजवाब है। उनका एकमात्र काव्य ग्रंथ शिशुपालम् वध के माध्यम से उन्होंने अभूतपूर्व यश अर्जित किया। उनका भाव पक्ष तो अनूठा था ही, उनका कला पक्ष भी बेजोड़ था। कहा जाता है कि- उपमा कालिदासस्य, भारवेरर्थ गौरवम्। दण्डिन: पदलालित्य माघे संति त्रयोगुणा:।। अर्थात् कवि माघ उपमा, अर्थवर और पदलालित्य के तीनों गुणों के धनी थे। भारवी की चमत्कृत काव्य शैली एवं अर्थगौरव के कारण कवि उन्हें दुरुह मानते थे, लेकिन माघ भारवी से कई गुणा आगे थे, तभी तो कहा गया कि- तावद्मा भारवेर्याति यावन्माघस्य नोदय: अर्थात भारवी की आभा तब तक ही थी जब तक कि माघ का उदय न हो गया। माघ कृत शिशुपालवध को महाकाव्य के नाम से भी जाना जाता है। विद्वानों का कहना है कि सबसे श्रेष्ठ काव्य माघ काव्य (शिशुपालम् वध) है। महाकवि माघ ने महाकाव्य ने 20वें सर्ग के अन्त में प्रशक्ति के रूप में लिए हुए पांच श्लोकों में अपना स्वल्पपरिचय अंकित कर दिया। महाकवि माघ का जन्म 6 75 ईस्वी में बताया गया है। (प.सं.)
माघ से भीनमाल को मिली है पहचान

कवि माघ का संस्कृत साहित्य में अद्वितीय योगदान रहा है। कवि माघ के जन्म से भीनमाल नगरी को माघ नगरी के नाम से जाना जाता है। संस्कृत साहित्य माघ के योगदान से अछूता नहीं है। कवि माघ पर भारत सरकार की ओर से 9 फरवरी 2009 को डाक टिकट भी जारी किया था। जसवंतपुरा रोड पर माघ का पैनोरमा बनाया जा रहा है। यहां माघ चौक पर भामाशाह सुखराज नाहर के सहयोग से माघ की मूर्ति की प्रतिष्ठाकरवाई है।
माघ जयंती पर आज

शहर में शुक्रवार को महाकवि माघ जयंती मनाई जाएंगी। इसके तहत माघ चौक पर माघ की मूर्ति पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना होगी। संयोजक डॉ. घनश्याम व्यास ने बताया कि कार्यक्रम में संस्कृति अकादमी की अध्यक्ष डॉ. जया दवे व संस्कृत शिक्षा के निदेशक डॉ. राजेन्द्र तिवाड़ी अतिथि होंगे। कार्यक्रम के तहत शुक्रवार सुबह विश्व कल्याणार्थ महायज्ञ, 7.30 बजे नगर परिक्रमा व 8 .30 बजे माघ का पूजन,10 बजे माघ की प्रासंगिकता पर संगोष्ठी व आमसभा होगी।

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