मामले में अहम पक्ष यह भी है कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत ही आहोर चौराहे से रेलवे स्टेशन की तरफ नहर से पहले तक और आहोर चौराहे से स्टेडियम मार्ग के कुछ हिस्से में सीसी रोड बनाई जाएगी। इस काम को भी फोरलेन प्रोजेक्ट के अंतर्गत ही लिया गया है। ये दोनों काम काफी अहम हैं। बता दें कि हर साल बारिश के सीजन के दौरान पानी के बहाव और भराव के कारण आहोर चौराहे के आस पास सड़क टूट जाती है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए ही इस हिस्से को भी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है।
आहोर मीरा दातार तिराहे से लेकर बागरा तक 18 किमी फोरलेन प्रोजेक्ट पर काम होना है, जिसके लिए अड़चन चल रही थी। अब यह काम हो सकेगा। इसी प्रोजेक्ट के तहत आहोर चौराहे से लेकर रेलवे स्टेशन की तरफ और स्टेडियम की तरफ सीसी रोड बनाने की कवायद भी चल रही है।
राहत मिलेगी
जालोर शहर की सड़कें हर साल टूट जाती हैं। बारिश में तो डामर सड़कें पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो जाती हैं। ऐसे में पानी के बहाव क्षेत्र में सीसी रोड बनाई जा रही है। जल्द ही इसके लिए काम भी शुरू हो जाएगा। इससे शहरी यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और वाहन चालकों को आवाजाही में आसानी होगी। इधर, जालोर से बागरा के बीच ट्रेफिक अधिक रहता है। ऐसे में यह रोड भी फोरलेन हो जाने के बाद भारी वाहनों की आवाजाही में सबसे अधिक सहुलियत होगी। इसलिए शुरू किए गए थे प्रयास
कांग्रेस शासन काल में ग्रेनाइट उद्यमियों की ओर से
जालोर बागरा के बीच फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए मांग की गई थी। इस मांग पर जन अभाव अभियोग निराकरण समिति अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने महत्वपूर्ण मानते हुए इसके लिए राज्य सरकार ने मांग की थी। उनकी अनुशंषा पर इस प्रोजेक्ट के लिए 53.22 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे, लेकिन उसके बाद पहले स्तर पर टोल एजेंसी द्वारा एनओजी समय पर जारी नहीं करने से मामला अटका। वहीं उसके बाद जब काम शुरु किया गया तो वन विभाग ने स्पष्ट गाइड लाइन के अभाव में काम को रुकवाया। अंत में प्रोजेक्ट एरिया में होने वाली पेड़ों की कटाई के लिए विभाग ने 1.33 करोड़ रुपए का डिमांड दिया और उस पर विभाग ने राशि जमा करवा दी है।
प्रोजेक्ट के मायने अहम
जालोर बागरा के बीच 1200 से 1500 ग्रेनाइट इकाइयां हैं। रोजाना इस क्षेत्र से होकर 5 हजार से अधिक भारी वाहनों की आवाजाही होती है। ग्रेनाइट लोड होने के बाद गुजरात और अन्य बड़ी मंडियों तक पहुंचता है। इसी मार्ग से जालोर की कनेक्टिविटी सांचौर, रानीवाड़ा, सिरोही और गुजरात राज्य तक होती है। रास्ते की दशा सुधरने पर बहुआयामी राहत मिलेगी। वन विभाग की ओर से पेड़ों की होने वाली कटाई के लिए 1.33 करोड़ रुपए का डिमांड जारी किया था। यह राशि जमा करवा दी गई है। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी होने के साथ इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम शुरु हो सकेगा।
- रमेश सिंगारिया, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी जालोर