Rajasthan News: यकीन मानिए, ये है राजस्थान का सरकारी स्कूल, विदेश से मंगवाया गया है फर्नीचर
Rajasthan News: इस स्कूल का कुल क्षेत्रफल 88 हजार स्क्वायर फीट है, जिसमें 12 हजार स्क्वायर फीट में प्राइमरी स्कूल बनाया गया है, बाकि 66 हजार स्क्वायर फीट में सीनियर स्कूल और स्टेडियम बनाया गया है।
Jalore News: जालोर के रेवतड़ा में निर्माणाधीन सरकारी स्कूल का भवन निजी विद्यालय की सुविधाओं और संसाधनों पर भारी है। ट्रस्टी जोगराज जैन पुत्र ओटमल जैन वेदमुथा ने बताया कि श्रीमती पाबूदेवी ओटमल गोराजी चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से कक्षा एक से बारह तक के विद्यार्थियों के लिए एक अत्याधुनिक सुविधा संपन्न विद्यालय का निर्माण करवाया गया है। यह विद्यालय भवन प्राइमरी एवं सीनियर वर्ग के लिए अलग अलग भागों में बनाया गया है। प्राइमरी विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए 8 कमरे, एक प्रधानाध्यापक वातानुकूल कक्ष, एक शिक्षक वातानुकूल कक्ष बनाए गए हैं।
साथ में प्राइमरी में नन्हे मुन्हे बच्चों के लिए शैक्षणिक गतिविधियों के साथ रोचक तरीके से सहज अध्ययन करने के लिए चिल्ड्रन प्ले ग्राउंड, बैडमिन्टन ग्राउंड बनाए गए हैं। चिल्ड्रन प्ले ग्राउंड में बच्चों के लिए झूले, फिसलपट्टी सहित खेल की सामग्री की व्यवस्था की जा रही है।
वहीं कक्षा कक्षों में सीसीटीवी कैमरे, अनाउंसमेंट स्पीकर, ब्लैक बोर्ड, बेंच और लाइटिंग की गई है। कंप्यूटर लैब बनाई गई है। सीनियर विद्यालय में 15 कक्ष बनाए गए हैं। वहीं एक प्रधानाध्यापक कक्ष, दो लैब, एक स्वतंत्र पुस्तकालय, एक शिक्षक कक्ष, एक कंप्यूटर कक्ष और कैंटीन बनाई गई है। विद्यालय का निर्माण कार्य को करने वाले कांट्रेक्टर प्रवीण कुमार ने बताया कि फर्नीचर भी विदेशों से मंगवाया गया है।
88 हजार स्क्वायर फीट में बना स्कूल
जालोर के रेवतड़ा में बने इस विद्यालय का कुल क्षेत्रफल 88 हजार स्क्वायर फीट है, जिसमें 12 हजार स्क्वायर फीट में प्राइमरी विद्यालय बनाया गया है, बाकि 66 हजार स्क्वायर फीट में सीनियर विद्यालय एवं स्टेडियम बनाया गया है। विद्यालय में प्रवेश के लिए 3 मुख्यद्वावर बनाए गए हैं। सिक्योरिटी रूम के साथ ही पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। एक बड़ा मीटिंग हॉल बनाया गया है। वहीं पूरे स्कूल में बनाए कक्षा कक्षों को गर्म होने से बचाने के लिए हिट प्रोटेक्ट वॉल बनाई गई है। शिक्षकों के निवास के लिए 2 बेडरूम के 2 क्वार्टर एवं 1 बैडरूम के 4 क्वार्टर बनाए गए हैं।
पांच साल तक रखरखाव करेगा ट्रस्ट
सरकारी स्कूलों को मेंटेनेंस के नाम पर बहुत कम खर्च मिलता है। कई स्कूलों में ग्रामीणों का सहयोग लिया जाता है। ऐसे में इस प्रकार के अत्याधुनिक स्कूल का निर्माण कर शिक्षा विभाग को सौंपने के बाद इसके मेंटेनेंस पर भी अधिक खर्च होना स्वाभाविक है। लिहाजा ट्रस्ट ने मरमत के लिए शिक्षा विभाग से पांच साल के लिए स्वीकृति ली है।
स्टेडियम का निर्माण
स्कूल में बच्चों के खेलने के लिए एक बेहतरीन स्टेडियम का निर्माण भी करवाया गया है। स्टेडियम की चौड़ाई 63 मीटर एवं लंबाई 100 मीटर है, जिसमें लोगों के बैठने के लिए 1150 आरामदायक कुर्सियां भी लगवाई गई हैं। स्टेडियम में स्टेज रूम, चेंजिंग रूम एवं टॉयलेट बनाए गए हैं। इसमें इंडोर और आउटडोर दोनों प्रकार के खेल खेले जा सकेंगे। साथ ही बड़े आयोजन भी आराम से किए जा सकेंगे।