पाली जिले में अच्छी बारिश के बाद गुडा इन्द्रपुरा व भूति से होकर कवराड़ा होते हुए और तखतगढ़ से चांदराई, पांचोटा, शंखवाली, गुड़ारामा, नोसरा उनाम, भंवरानी, रायथल समेत क्षेत्र में दर्जनों गांवों तक पानी पहुंचता है। वहीं दूसरा बहाव क्षेत्र तखतगढ़ से होकर चांदराई, उखरड़ा, मंडला, आकोरापादर, शंखवाली, अजीतपुरा होते हुए आगे के गांवों में जाता है।
हालांकि अभी तक इस रेळ क्षेत्र के टेल गांवों तक पानी नहीं पहुंचा है। ऐसे में हैड क्षेत्र के अधिकांश गांवों में किसान इस बार अच्छी पैदावार लेंगे। इस पानी का लगातार कुछ दिनों तक खेतों में बहाव होने से
जालोर के किसान यहां पर सेवज की फसल लेते हैं। जो बिना सिंचाई के बारिश के पानी पर होती है। इस बार इस रेळ क्षेत्र में पानी का बहाव होने से किसानों को अच्छे जमाने की उम्मीद जगी है।
ऐसे होती है सेवज
बारिश के पानी का खेतों में कई दिनों तक भराव व बहाव होने से सेवज की फसल होती है। इन गांवों में सेवज के लिए किसानों को अलग से सिंचाई की जरूरत नहीं होती है। सेवज की फसल के लिए यहां की मिट्टी अनुकूल होने से कई दिनों तक गीलापन रहने से फसलों के लिए सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती है। वहीं एक मावठ हो जाए तो वो सेवज के लिए अमृत का काम करती है।
चना किसानों की पहली पसंद
सेवज के लिए क्षेत्र के किसानों की पहली पसंद चना है। पर्याप्त पानी आने से इस क्षेत्र में इस बार चने की बम्पर बुवाई होगी। जिन खेतों में पानी नहीं पहुंचा है या कम पहुंचा है। वहां पर किसान तारामीरा की बुवाई करेंगे।