scriptपहले बंद कर दी टे्रनें, अब फेस्टिवल स्पेशल के नाम पर ठग रहे! | Previous trains closed, now cheat with the name of festival special | Patrika News
जालोर

पहले बंद कर दी टे्रनें, अब फेस्टिवल स्पेशल के नाम पर ठग रहे!

कोरोना संकट के बीच यात्री गाडिय़ों का संचालन काफी समय तक बंद रहा और उसके बाद मांग बढ़ी तो रेल प्रशासन ने कुछ टे्रनों का संचालन शुरु कर दिया, लेकिन यह जालोर जिले की जनता के साथ छलावा साबित हो रहा है। ये सभी फेस्टिवल स्पेशल टे्रनें हैं, जिनमें प्रति टिकट 150 से 300 रुपए तक अतिरिक्त चुकता करना पड़ रहा है।

जालोरDec 19, 2020 / 09:29 am

Dharmendra Kumar Ramawat

पहले बंद कर दी टे्रनें, अब फेस्टिवल स्पेशल के नाम पर ठग रहे!

Jalore Railway station

खुशालसिंह भाटी.जालोर. कोरोना संकट के बीच यात्री गाडिय़ों का संचालन काफी समय तक बंद रहा और उसके बाद मांग बढ़ी तो रेल प्रशासन ने कुछ टे्रनों का संचालन शुरु कर दिया, लेकिन यह जालोर जिले की जनता के साथ छलावा साबित हो रहा है। ये सभी फेस्टिवल स्पेशल टे्रनें हैं, जिनमें प्रति टिकट 150 से 300 रुपए तक अतिरिक्त चुकता करना पड़ रहा है। मामला इसलिए खास है, क्योंकि ये स्पेशल टे्रनें कोविड संकट से पहले नॉर्मल रुटीन में चल रही थीं। सीधे तौर पर रेलवे बोर्ड की अदूरदर्शिता और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते ये हालात बन रहे हैं, जिस पर अभी भी जिम्मेदारों की नींद नहीं उड़ी है। दूसरी तरफ ब्रॉडगेज होने के बाद से जिले के यात्री इस बेपरवाही से खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। (एसं)
जनप्रतिनिधियों ने मौन धारण किया
टे्रनों के संचालन का विषय रेलवे बोर्ड पर आधारित है। जिसकी पैरवी का जिम्मा सांसद पर निर्भर करता है। इसके अलावा विधायक की डिजायर भी इस मामले में महत्वपूर्ण होती है। वर्तमान हालातों में जनता यात्री गाडिय़ों का संचालन नहीं होने से परेशान है और स्पेशल रेल सेवाओं मेें अतिरिक्त राशि चुकता कर रही है, लेकिन मामले में जनप्रतिनिधि मौन धारण किए हुए हैं। जनप्रतिनिधियों ने रेगुलर शैड्यूल में यात्री गाडिय़ां संचालित करने के साथ साथ जिलेवासियों की मांग के अनुरूप टे्रनों के संचालन के लिए पैरवी नहीं की है। दूसरी तरफ जिले से बड़ी तादाद में प्रवासी गुजरात, महाराष्ट्र व कर्नाटक राज्य में रह रहे हैं। इन हालातों में उन्हें भी काफी परेशानी हो रही है।
ये है स्पेशल का फॉर्मूला
अभी जालोर होकर बाड़मेर-यशवंतपुर सुपरफास्ट एसी टे्रन, बीकानेर-दादर सुपरफास्ट और भगत की कोठी-दादर फेस्टिवल स्पेशल टे्रनें चल रही है। बाड़मेर यशवंतपुर टे्रन (04806), भगत की कोठी-दादर (04817) और बीकानेर दादर (02489) नंबर से चल रही है। मामले में खास बात यह है कि कोरोना संकट से पहले ये ही टे्रनें नॉर्मल टे्रनों के रूप में चल रही थीं। सीधे तौर पर इस मामले को इस तरह से समझा जा सकता है कि स्पेशल टे्रन में प्रति टिकट 150 से 250 रुपए तक अतिरिक्त चार्ज देना पड़ रहा है। जबकि ये वही टै्रनें है जो पूर्व में चल रही थी। बीकानेर से दादर तक पूर्व में इसी टे्रन में स्लीपर 550 रुपए के लगभग का था। वहीं अब यह स्लीपर लगभग 700 रुपए के लगभग है। कहीं न कहीं जिम्मेदारों का यह मौन आम जनता की जेब पर भारी पड़ रहा है।
अभी ये है किराया, जो लगा रहा चूना
बाड़मेर यशवंतपुर (04806) में जालोर से अहमदाबाद तक फस्र्ट एसी के 1375, मुंबई तक 2270 और यशवंतपुर तक 5030 रुपए है। इसी तरह सैकंड एसी में क्रमश: अहमदाबाद के 8 30, मुंबई के 1650 और यशवंतपु के 2950 और थर्ड एसी में अहमदाबाद के 585, मुंबई के 1155 और यशवंतपुर के 2025 रुपए टिकट है।
भगत की कोठी-दादर (048 17) में जालोर से अहमदाबाद तक स्लीपर 385, सैकंड एसी में 1440, थर्ड एसी 1050 और सैकंड स्लीपर 145 रुपए है। जबकि दादर तक का किराया क्रमश: 265 रुपए, 2045, 1460 और 540 रुपए है।
बीकानेर-दादर (0248 9) की बात करें तेा जालोर से अहमदाबाद सैकंड एसी 1490, थर्ड एसी 1100, स्लीपर 415 और सैकंड स्लीपर 160 रुपए किराया है। इसी तरह दादर तक की बात करें तो 2090, 1510, 570 और 280 रुपए है।
टे्रन वही फिर स्पेशल का तमगा क्यों
समदड़ी भीलड़ी रेल खंड में हमेशा यात्री गाडिय़ों का टोटा ही रहा है। इस समस्या को लेकर यहां के जनप्रतिनिधि कभी मजबूत पैरवी नहीं कर पाए, उसी का नतीजा है कि अधिकतर टे्रनें जो लंबे संघर्ष के बाद मिली वे बंद है। जिसमें भगत की कोठी-साबरमती टै्रन प्रमुख है। वहीं जो टे्रनें संचालित हो भी रही है वे पूर्व में संचालित है। ऐसे में इन पर फेस्टिवल स्पेशल का टेग लगाकर जनता से अधिक वसूली की जा रही है।
दोहरी मार पर जिम्मेदारों का मौन
रोडवेज बस से जोधपुर तक का किरायाा 155 रुपए है और साधारण सवारी गाड़ी में यह किराया मात्र 30 रुपए और सुपरफास्ट में 70 से 80 रुपए किराया था। जब कोरोना संकट में यात्री बसों को खचाखच भरकर चलाया जा रहा है तो रेल प्रशासन को भी अब यात्री गाडिय़ों के संचालन पर ध्यान देना होगा, लेकिन इस मामले में मजबूत पैरवी की दरकार है, जो जिले से होती नजर नहीं आती।
इनका कहना
नार्मल नंबर से घोषित टे्रनें संचालित नहीं है। समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड में अभी संचालित सभी यात्री गाडिय़ां फेस्टिवल स्पेशल के रूप में ही चल रही है।
– गोपाल शर्मा, वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी, रेलवे, जोधपुर
यात्री गाडिय़ों को नॉर्मल शेड्यूल में चलाने के लिए मांग की जाएगी। वहीं फेस्टिवल स्पेशल के रूप में अतिरिक्त चार्ज हो रहा है तो मंडल रेल प्रबंधक और महाप्रबंधक रेलवे से बातचीत कर समस्या का निदान करवाया जाएगा।
– देवजी पटेल, सांसद, जालोर-सिरोही

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