scriptTrain News: 14 साल पहले राजस्थान के इस जिले में चली थी पहली यात्री ट्रेन, लेकिन आज तक खत्म नहीं हो पाया यह इंतजार | On this day, 14 October 2010, broad gauge was first introduced in Jalore | Patrika News
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Train News: 14 साल पहले राजस्थान के इस जिले में चली थी पहली यात्री ट्रेन, लेकिन आज तक खत्म नहीं हो पाया यह इंतजार

Train News: 14 साल के सफर की बात करें तो आज भी एक सीधी रेगुलर ट्रेन इस रेल खंड से देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी जयपुर के लिए नहीं है

जालोरOct 15, 2024 / 02:09 pm

Rakesh Mishra

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Train News: उत्तर पश्चिमी रेलवे के अंतर्गत समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड में आज का दिन खास है। आज ही के दिन 14 अक्टूबर 2010 को ब्रॉडगेज होने के बाद इस रूट पर पहली यात्री गाड़ी चली थी। जोधपुर से पहली ट्रेन जोधपुर गांधीधाम थी और इस ट्रेन का हर स्टेशन पर जबरदस्त स्वागत किया गया था। यात्री सुविधाओं के विस्तार और लंबी दूरी की गाड़ियों के इस रूट पर चलने की आशाओं और उम्मीदों के साथ ब्रॉडगेज पर यात्री गाड़ियां शरू हुई, लेकिन इन 14 साल के सफर की बात करें तो आज भी एक सीधी रेगुलर ट्रेन इस रेल खंड से देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी जयपुर के लिए नहीं है।
लगातार 3 बार सांसद रहे देवजी पटेल ने जनता को केवल आश्वासन दिए। यही हाल जालोर के भाजपा विधायक के भी रहे। जिन्होंने केवल आश्वासन ही दिए, इस विषय पर क्रियान्विति के प्रयास नहीं किए। धरातल पर आज भी जनता खुद को ठगा सास महसूस करती है। क्योंकि राजधानी के लंबे सफर की निर्भरता महंगे सफर के रूप में निजी बसों पर ही निर्भर है।

इस तरह की लापरवाही से जनता मायूस

समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड वाया जालोर होते हुए लगातार मांगों के बाद अहमदाबाद के लिए प्रतिदिन ट्रेनें चल रही है। इसी तरह मुंबई और बैंगलोंर तक भी साप्ताहिक ट्रेनें हैं। जबकि राज्य की राजधानी जयपुर के लिए वर्तमान में केवल एक स्पेशल रेल सेवा 05046 ही चल रही है। यह ट्रेन सोमवार को राजकोट से रवाना होती है और जालोर से जोधपुर, मेड़ता, डेगाना, मकराना होते हुए जयपुर पहुंचती है। यह ट्रेन केवल हफ्ते में एक ही दिन है। यह रेगुलर ट्रेन नहीं है। दूसरी तरफ दिल्ली के लिए तो आज तक एक भी सीधी ट्रेन नहीं है।

आज का दिन खास

समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस प्रोजेक्ट की घोषणा 1989 में हुई, लेकिन स्थानीय राजनीतिक उदासीनता से प्रोजेक्ट सबसे पहले स्वीकृति के बाद भी सबसे देरी से शुरु हुआ और सबसे देरी से पूरा हुआ। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इस रूट पर एक साल तक तो केवल गुड्स ट्रेनें चलाई गईं। जनता के विरोध के बीच राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से विषय को उठाया तो सीआरएस की ओर से सर्वे किया गया और उसके बाद यात्री गाड़ी चली। प्रारंभिक तौर पर केवल तीन ट्रेनें ही चलीं और लोगों को आश्वस्त किया गया कि जरुरत के अनुसार ट्रेनों का विस्तार किया जाएगा। लंबी लड़ाई के बाद इस रूट पर साउथ, गुजरात, उत्तराखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के लिए ट्रेनें चल रही हैं, लेकिन आस आज भी अधूरी है।

इस तरह का रहा है रेलवे का सफर

  • 1929 में उत्तर रेलवे के अंतर्गत पहली गाड़ी मीटर गेज पर इस रेल खंड में चली
  • 22 नवंबर 2008 को मीटर गेज पर यात्री गाड़ियां बंद हुई
  • 28 दिसंबर 2009 को ब्रॉडगेज पर चली पहली गुड्स ट्रेन
  • 14 अक्टूबर 2010 को ब्रॉडगेज पर चली पहली यात्री गाड़ी

सकारात्मक प्रयास से मिलेगी सफलता

दोनों ही जिलों में रेल सेवा का विकास और विस्तार मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी। समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड से जयपुर और दिल्ली के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं है। जनता की भावनाओं के अनुरूप मैंने रेलवे के अधिकारियों को इस विषय में अवगत करवाया है। मेरा प्रयास रहेगा कि इस रूट में राजधानी के लिए जल्द से जल्द रेल सेवा का विस्तार हो ताकि सफर सुगम और आसान हो सके।
  • लुंबाराम चौधरी, सांसद

इस रुट पर पर्याप्त यात्री गाड़ियां नहीं है

ब्रॉडगेज होने से पहले और उसके बाद संगठन स्तर पर हमने रेल खंड के लिए काफी आंदोलन किए। पहली यात्री गाड़ी के साथ तो मैं खुद जोधपुर से जालोर, रानीवाड़ा तक आया था। भाजपा के उदासीन रवैये से आज भी इस रूट पर पर्याप्त यात्री गाड़ियां नहीं है। जयपुर, दिल्ली के लिए सीधी ट्रेनें नहीं होने से यात्रियों को खासी दिक्कत होती है। साबरमती से जोधपुर को रेगुलर चलने वाली गाड़ी को जयपुर तक बढ़ाया जाए तो काफी राहत मिल सकती है।

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