scriptMandi Bhav: खेतों में लहलहा रही सरसों की फसल, किसानों को मंडी में कितना भाव मिलने की है उम्मीद | Mandi Bhav: Yellow gold mustard crop is flourishing in the fields, how much price do farmers expect to get in the market | Patrika News
जालोर

Mandi Bhav: खेतों में लहलहा रही सरसों की फसल, किसानों को मंडी में कितना भाव मिलने की है उम्मीद

पिछले साल किसानों को सरसों के भाव बेहतर मिलने से इस बार उपखण्ड क्षेत्र में छह हजार हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बुवाई की है।

जालोरDec 22, 2024 / 06:55 pm

Santosh Trivedi

sarson crop
Mandi Bhav: मंडार। रेवदर उपखण्ड क्षेत्र में इन दिनों खेतों में आलू, गेहूं, सौंफ व हरी सब्जियों के साथ ही पीला सोना यानी सरसों की फसल लहलहा रही है। पिछले एक सप्ताह से सर्दी बढ़ने से लहलहाती फसल से किसानों को बंपर पैदावार होने की उम्मीदें जागी है। वैसे यह फसल बुवाई के बाद ढाई से तीन में माह तैयार हो जाती है।
पिछले साल किसानों को सरसों के भाव बेहतर मिलने से इस बार उपखण्ड क्षेत्र में छह हजार हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बुवाई की है। बुवाई के बाद समय पर सिंचाई होने तथा मौसम के साथ अनुकूल भूमि होने का फायदा भी किसानों को मिलेगा।
पिछले साल बाजार में सरसों के तेल के भाव पंद्रह किलो के दो हजार रुपए थे, जो बढ़कर साढ़े चौबीस सौ रुपए तक हो गए थे। वैसे वर्तमान में तेल के भाव पंद्रह किलो के 2280 रुपए हैं।

छह हजार हैक्टेयर से ज्यादा में बुवाई

सहायक कृषि अधिकारी पूराराम चौहान ने बताया कि पिछले साल से इस बार अधिक व बंपर बुवाई हुई है। पूरे रेवदर उपखण्ड में लगभग छह हजार हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बुवाई हुई है। जो जनवरी के अंत तथा फरवरी माह के शुरुआत में तैयार होगी।
यह भी पढ़ें

बढ़ती ठंड के बीच किसानों के लिए राजस्थान सरकार ने जारी की एडवाइजरी, जानिए क्या करना है

दाम अच्छा मिलने से यह फसल किसानों की पहली पसंद हो गई है। उपखंड में आज भी किसानों के अलावा ग्रामीण भी सरसों खरीदकर घाणों में जाकर तेल निकलवाते हैं। जिसे वे शुद्ध तेल मानते हैं। बाजार से खरीदना अच्छा नहीं समझते हैं। ऐसे घाणे कई गांवों में लगे है। कई लोग आटा चक्की के साथ घाणे चलाते हैं। जो सरसों के अलावा तिल का तेल भी निकालते हैं।

इनका कहना है…


किसान तथा व्यापारी कांतिलाल माली ने बताया कि पिछले साल सरसों के भाव अच्छा मिलने से किसानों को फायदा हुआ था। बाजार में भी तेल के भाव बढ़े थे। कई किसानों ने आलू की जगह सरसों की बुवाई की है।
यह भी पढ़ें

‘1.5 KM तक मौत पीछे भागती रही, 1 मिनट भी रुक जाता तो वहीं भस्म हो जाता’

किसान दिनेश कुमार चौधरी ने बताया इस बार भी सरसों की बंपर बुवाई की है। पिछले साल की तरह इस बार भी किसानों को मंडियों में अच्छा भाव मिलने के आसार है।

Hindi News / Jalore / Mandi Bhav: खेतों में लहलहा रही सरसों की फसल, किसानों को मंडी में कितना भाव मिलने की है उम्मीद

ट्रेंडिंग वीडियो