निरीक्षण के दौरान परीक्षा कक्ष संख्या 6 में वीक्षक मोहनलाल, अध्यापक सेकेंड लेवल परीक्षार्थियों को नकल करवाते नजर आए। जिला शिक्षा अधिकारी को देखकर मोबाइल व अन्य नकल सामग्री परीक्षार्थियों से एकत्रित कर भागने की फिराक में था। इस दौरान वीक्षक मोहनलाल से मौके से 8 मोबाइल एवं रसायन विज्ञान से संबंधित कक्षा 12 की दो वन वीक सीरिज जब्त की। मामले के जांच के बाद मोहनलाल के खिलाफ विभागीय जांच प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। साथ ही उसे सस्पेंड कर दिया। निलंबन अवधि में मोहनलाल का मुख्यालय कार्यालय मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रानीवाड़ा (सांचौर) में किया गया है।
नकल का गढ़, हर परीक्षा शक के दायरे में
स्टेट ओपन परीक्षा में
नकल करवाने का सिलसिला जारी है। इसमें सरकारी स्टाफ की भूमिका के आरोप लगे है। सांचौर के इस प्रकरण से इस बात की पुष्टि हो गई है। ऐसे में सांचौर में होने वाली तमाम परीक्षाएं भी शक के दायरे में ही हैं। बता दें वर्तमान में एसओजी द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में आरोपियों की धरपकड़ के साथ पेपर आउट, डमी कैंडिडेट, भर्ती तरीके से नियुक्ति के मामलें में गिरफ्त में आए आरोपियों में सर्वाधिक आरोपी सांचौर और इस जिले से जुड़े गांव कस्बों से ही है। सरकार ने पिछले पांच साल में हुई सभी भर्ती परीक्षा के दौरान नियुक्तियों की जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
नकल से टॉपर बना था
3 जून 2023 को एसआई भर्ती परीक्षा परिणाम घोषित होने पर मालवाड़ा निवासी नरेश टॉपर घोषित किया गया। नरेश बतौर एलडीसी सरकारी सेवाएं दे रहा था। वह छह माह के लिए एसआई भर्ती की तैयारी के लिए जयपुर गया। परिणाम आया तो वह टॉपर था। ग्रामीणों व परिजनों ने खुशी जाहिर की और उसे फूल मालाओं से लाद दिया। उसने इस सफलता का आधार सतत परिश्रम को बताया, लेकिन अब एसओजी के खुलासे के बाद नकल से टॉपर बनने तक के सफर में अनेक सवाल खड़े हो चुके हैं।