एट, कोटरा व कुसमिलिया ऐसे तीन फीडर हैं, जिनसे करीब एक सैकड़ा गांवों की बिजली आपूर्ति की जाती है। जब भी इनमें खामी आती है तो दर्जनों गांवों में अंधाकुप छा जाता है। पिछले 36 घंटों से यही समस्या बनी हुई है। हैरानी वाली बात तो यह है कि सोमई में देश के पीएम नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम प्रस्तावित है। वह एक्सप्रेसवे का उदघाटन करने आ रहे हैं। इसके बाद भी बिजली व्यवस्था का बुरा हाल है। ग्रामीणों ने बताया कि बिजली विभाग के अधिकारी, कर्मचारी पूरी तरह से बेलगाम हो गए हैं। उन्हें सीएम, पीएम से लेकर किसी का कोई डर नहीं रह गया है। यही वजह है कि नगरीय क्षेत्रों में 22 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि 36 घंटे से बिजली के दर्शन नहीं हुए है। जब भी अधिकारियों को फोन लगाकर समस्या बताई जाती है तो रटारटाया जबाव मिलता है कि लाइन में दिक्कत आ रही है। ठीक किया जा रहा है। घंटों गुजरने के बाद भी अब तक लाइन सही नहीं हो पाया है। इसके चलते भीषण गर्मी में लोगों को काफी परेशानी से गुजरना पड़ रहा है।
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उत्तर प्रदेश में कोरोना से मौत पर हंडकंप, 24 घंटे में 345 केस बिजली पावर हाउस एट से पिरौना जाने वाली विद्युत लाइन लंबे समय से जर्जर हालात में है। उपभोक्ता मनोज गुप्ता, संजय कुमार, लालता प्रसाद, मनोज कुमार आदि ने बताया कि लाइन जर्जर होने से आएदिन फाल्ट हो जाता है। खासकर जब भी आंधी आती है तो तार टूटकर गिर जाते हैं। कई बार इनसे हादसे होते बचे। इसके बाद भी अधिकारी संज्ञान में नहीं ले रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है।
सोमई, गिरथान, चांदपुरा, पचोखरा, कुरकुरु, कैथेरी, शहपुरा, भुआ कपासी, बड़ागांव, रिनियां के अलावा अमीटा, विरासनी, पिरौना, धमसेनी, छिरावली, गुमावली, टिकरियां, धुरट, सोई, सेवड़ी, भिटारा, खेरा, ककनखेरा, पड़वा, हरदुआ, ईंगुई ऐसे गांव हैं, जहां पर बिजली व्यवस्था बुरी तरह से लड़खड़ाई हुई है।