आगामी तीन दशकों के लिए सुनियोजित ग्राम्य विकास का खाका होगा तैयार
हर गांवों का आगामी 30 वर्षों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए नियोजित मास्टर प्लान बनाया जाएगा। मास्टर प्लान वर्ष 2050 तक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गांवों में मास्टर प्लान बनाएं जाएंगे, जिसमें भविष्य के लिए क्षेत्र की शिक्षाए स्वास्थ्य, आबादी विस्तार, खेल सुविधाए, पार्क, सरकारी भवनों, सड़क एवं अन्य विकास की आवश्यकताओं का आंकलन कर भूमि का चिह्निकरण कर पटवारियों के सहयोग से बनाया जाएगा।
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जैसलमेर. हर गांवों का आगामी 30 वर्षों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए नियोजित मास्टर प्लान बनाया जाएगा। मास्टर प्लान वर्ष 2050 तक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गांवों में मास्टर प्लान बनाएं जाएंगे, जिसमें भविष्य के लिए क्षेत्र की शिक्षाए स्वास्थ्य, आबादी विस्तार, खेल सुविधाए, पार्क, सरकारी भवनों, सड़क एवं अन्य विकास की आवश्यकताओं का आंकलन कर भूमि का चिह्निकरण कर पटवारियों के सहयोग से बनाया जाएगा। जैसलमेर पंचायत समिति के प्रधान अमरदीन फकीर ने ग्रामसेवकों एवं पटवारियों के साथ ही सरपंचों से कहा कि वे राज्य सरकार के मंशा के अनुरूप गांवों का मास्टर प्लान आगामी 2050 तक की सुविधाओं एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए समय सीमा में बनाएं। प्रधान अमरदीन ने गुरुवार को पंचायत समिति जैसलमेर में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की ओर से आयोजित मास्टर प्लान के संबंध में सरपंचोंए ग्रामसेवकों, पटवारियों के प्रशिक्षण के दौरान यह आह्वान किया। उन्होंने ग्रामसेवकों एवं पटवारियों से कहा कि प्रत्येक ग्राम की आगामी 30 वर्षो की विभिन्न आवश्यकताओं एवं सामुदायिक विकास को ध्यान में रखते हुए बहुपयोगी मास्टर प्लान बनाएं ताकि आने वाली पीढ़ी को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं झेलनी पड़े। उन्होंने आशा जताई कि जैसलमेर पंचायत समिति का मास्टर प्लान सबसे उच्च स्तर का होना चाहिए। उसी अनुरूप कार्य को अंजाम मिल सके। विकास अधिकारी हीरालाल कलबी ने 31 दिसम्बर से पूर्व मास्टर प्लान को बनाने के लिए ग्रामसेवकों को निर्देश दिए और इस संबंध में किए जाने वाले कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए पटवारियों से कहा कि वे विलेज मास्टर प्लान बनाने के लिए भूमि के चिह्निकरण की कार्यवाही भी निर्धारित समय सीमा में करें। इसके साथ ही सरपंचों से भी आग्रह किया गया कि वे इस मास्टर प्लान में अपनी अहम भूमिका अदा करें। दक्ष प्रशिक्षण फकीरचंद ने पीपीपी के माध्यम से संभागियों को 2050 तक की गांवों की आवश्यकताओंए वर्तमान सुविधाओं को सूचीबद्ध करने, नजरी नक्शा तैयार करने, विभिन्न भूमियों का चयन करने, जनसंख्या को देखते हुए भूमि को चिह्नित करने, पर्यावरण संरक्षण, पशुधन के लिए चारागाह विकसित करने की जानकारी दी और इसमें समाहित की जाने वाली अन्य सभी जरूरी सुविधाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से प्रत्येक गांव के बनने वाले मास्टर प्लान की तैयारी के बारे में परिचित कराया।
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