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जैसलमेर

प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय बंद, पशुओं का न इलाज और न ही मिल रही दवाई

झिनझिनयाली क्षेत्र का झिनझिनयाली प्रथम श्रेणी पशुचिकित्सालय ताले में बंद होने की शिकायत ग्रामीणों ने की है।

जैसलमेरJan 20, 2025 / 08:16 pm

Deepak Vyas

jsm news
झिनझिनयाली क्षेत्र का झिनझिनयाली प्रथम श्रेणी पशुचिकित्सालय ताले में बंद होने की शिकायत ग्रामीणों ने की है। जानकारी के अनुसार यहां पशु चिकित्सक सहित सभी पद रिक्त है। पिछले महीनों से चिकित्सक व पशुधन सहायक का स्थानांतरण कहीं अन्य स्थान पर होने के कारण झिनझिनयाली क्षेत्र पशु बाहुल्य में पशु चिकित्सा व्यवस्था पूर्णरूप से लडखड़़ा गई है। पशु चिकित्सक का पद रिक्त होने तथा पशुचिकित्सालय में पशुधन सहायक नहीं होने के कारण पशुपालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सर्दी के मौसम में इन दिनों पशुओं में तरडिय़ा, फीड़किया, खांसी जैसी बीमारियां फैल रही है। ऐसे में पशुपालक परेशान है। जानकारी के अनुसार झिनझिनयाली पशुचिकित्सालय में कुल छ: पदों में एक चिकित्सक, दो पशुधन सहायक, दो पशुधन परिचर के साथ एक सफाईकर्ता के पद सृजित है और सभी पद रिक्त है। गौरतलब है कि झिनझिनयाली क्षेत्र पशु बाहुल्य क्षेत्र है। पशुपालक पृथ्वीसिंह, भवानीसिंह, गोपालसिंह आदि बताते हैं कि पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक तथा पशुधन सहायक के पद रिक्त होने से पशुओं के उपचार को लेकर असुविधा हो रही है। झिनझिनयाली प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय पर दस-बारह गांवो के साथ पन्द्रह से बीस छोटी-बड़ी ढाणियां निर्भर है। ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य व्यवसाय कृषि के साथ पशुपालन भी है।

हकीकत: परेशानीय यह भी

गौरतलब है कि मंगला पशु बीमा योजना राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य के पशुपालकों को उनके पशुओं के लिए आर्थिक सुरक्षा देना है। योजना के तहत पशुपालकों के पशुओं का बीमा नि:शुल्क किया जाता है। इसके लिए पशुपालकों को कोई प्रीमियम नही देना होता है। योजना में आवेदन के लिए पशुओं की टैगिंग जरूरी है। यह बीमा केवल उन पशुओं का होता, जिनका कोई बीमा नहीं हुआ है। यहां प्रथम श्रेणी चिकित्सालय बंद होने के कारण न तो योजना का प्रचार-प्रसार हो रहा है और न ही पशुओं के टैगिंग करने की ही कवायद हो रही है। ऐसे में
पशुपालक चिंतित है। गौरतलब है कि मंगला पशु बीमा योजना के आवेदन की अंतिम तिथि पहले 12 जनवरी थी, जिसे बढ़ाकर अब 22 जनवरी कर दिया गया है। पशुपालक अपने पशुओं का बीमा भी नही करवा पा रहे है।

तीन-तीन दिन ड्यूटी

झिनझिनयाली प्रथम श्रेणी में पशु चिकित्सक व अन्य स्टाफ के पद रिक्त है। बैया व कुंडा दोनों पशुधन सहायकों को सप्ताह में तीन-तीन दिन की ड्यूटी झिनझिनयाली पशु चिकित्सालय पर लगाई गई है।
-डॉ. उमेश वारंगटियार, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग जैसलमेर

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