अंगदान कर दिया मानवता का संदेश
लगातार नौ दिन तक जीवन-मृत्यु से संघर्ष करती चेष्टा खुद अपनी जिंदगी की जंग हार गई, लेकिन उसके माता-पिता ने अपने जिगर के टुकड़े के अंग किसी जरुरतमंद की जिंदगी बचाने के लिए दान कर समाज को मानवता का बहुत बड़ा संदेश दिया है। जब चेष्टा के जीवन को बचाने की उम्मीद कम होने लगी तो उसकी माता सुषमा विश्नोई ने चिकित्सकों के साथ सलाह कर किसी अन्य की जिंदगी रोशन करने के लिए अपनी लाडली के अंग दान करने का निर्णय लिया। इसके बाद अपने पति ज्योतिष प्रकाश एवं परिवार के अन्य लोगों से भी चर्चा की और अंगदान करने जैसा का बड़ा फैसला लिया। मंगलवार को चेष्टा ने अंतिम सांस ली। जिसके बाद उसके ह्रदय, लिवर, किडनी, अग्नाशय सहित कुल 8 अंग दान कर दिए, जो अन्य जरुरतमंद मरीजों को जीवनदान देने में सहायक होंगे।जिले में इस प्रकार से एक साथ 8 अंग दान करने का संभवतया यह पहला मामला है।