1971 युद्ध के योद्धा रहे सेवानिवृत्त सैनिकों का सम्मान
विजय दिवस पर सोमवार को शहीदों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान भाग लेने वाले सेवानिवृत सैनिकों का सम्मान किया गया।
विजय दिवस पर सोमवार को शहीदों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान भाग लेने वाले सेवानिवृत सैनिकों का सम्मान किया गया। रामदेवरा की एक धर्मशाला में आयोजित सम्मान समारोह में जोधपुर संभाग के कई जगहों के सैनिकों ने भाग लिया। इस अवसर पर 1971 में भाग लेने वाले करालिया गांव के हवलदार रहे नाथूसिंह भाटी, टेकरा गांव के हवलदार रहे कानसिंह भाटी, नांदड़ा गांव के हवलदार रहे मालमसिंह को राव भोम सिंह तंवर ने शॉल ओढ़ाकर और कैप पहनाकर सम्मानित किया। इस दौरान 22 राजपूत रेजीमेंट से सेवानिवृत तीनों हवलदारों ने उपस्थित लोगों को युद्ध से जुड़े किस्से सुनाए। वर्ष 1971 की लड़ाई में योद्धा रहे कानसिंह भाटी, नाथूसिंह भाटी, मालमसिंह ने कहा कि मौका मिले तो आज भी सेना में सेवा देने के लिए तैयार है। अन्य वक्ताओं ने भी 1971 की लड़ाई से जुड़े कई किस्से सुनाए। इस अवसर पर सैनिकों ने लोक देवता बाबा रामदेव समाधि के दर्शन किए। वरिष्ठ अध्यापक सवाईसिंह तंवर, सेवानिवृत सैनिकों में गणपतसिंह तंवर, पदमसिंह, फतेहसिंह, हरिसिंह, शंभूसिंह, नरपतसिंह, मुल्तानसिंह, गायडसिंह, प्रेमसिंह, रूपसिंह, गजेसिंह, भंवरसिंह, दिरावरसिंह, घेवरसिंह, हनुमानसिंह, जितेंद्रसिंह, प्रभुसिंह, नरपतसिंह, भोमसिंह, विजयसिंह, नखतसिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में जेठाणिया, बड़ोडा गांव, निंबेडा गांव, जोलीयाली, बालेसर, मेरिया, छायन, जेमला, रामदेवरा, ननैऊ, टेकरा, जोधपुर, गुड्डी, कोलायत आदि क्षेत्रों के सेवानिवृत सैनिकों ने भाग लिया।
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