सुनी करुण कहानियां
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सहित मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों ने विस्थापन का दर्द झेलने वाले लोगों की दर्द भरी आपबीती सुनी। खादी कार्यकर्ता मदनलाल भूतड़ा, पूर्व पार्षद नाथूराम भील, शंकरसिंह राजपुरोहित और गोरधनराम सूंडिया ने 1947 के विभाजन और उसके बाद 1965 व 1971 के भारत पाकिस्तान युद्धों के बाद के हालातों में हिंदुओं पर पाकिस्तान में हुए अत्याचारों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि किस तरह के हालात से गुजरने के बाद वे सभी लोग अपने परिवारजनों के साथ भारत भूमि पर आए। यह दास्तानें सुनाते समय सभी की आवाजें भर्रा गई और पूरा माहौल संजीदा हो गया। मुख्यमंत्री गौर से सबकी बातें सुनते रहे। इस मौके पर मुख्यमंत्री से जैसलमेर में बैठे पाक विस्थापितों को जीवन यापन के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने का अनुरोध किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।
ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम के अवसर पर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी, पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश सारदा, जैसलमेर नगरपरिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला, भाजपा पदाधिकारी आईदानसिंह भाटी, महेंद्र बोहरा, मुकेश दाधीच आदि मंचासीन थे। सम्बोधन समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री कई संगठनों के प्रतिनिधियों व अन्य लोगों से मिले और उनके ज्ञापन लिए। शुरुआत में सभापति कल्ला ने मुख्यमंत्री का साफा पहना कर स्वागत किया वहीं जिलाध्यक्ष सारदा ने उन्हें शॉल ओढ़ाई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने विशाल फूलमाला पहना कर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।