बर्ड फ्लू की पुष्टि का इंतजार
फलोदी के खींचन क्षेत्र में पिछले महीने बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हुई थी। जैसलमेर में अब तक मिले शवों में इस संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, बढ़ते मामलों ने प्रशासन को अलर्ट कर दिया है। सैंपल रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि यह बीमारी बर्ड फ्लू है या कोई और संक्रमण।
क्यूआरटी टीम का गठन और गश्त तेज
वन विभाग ने पशुपालन विभाग के साथ मिलकर क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) बनाई है। यह टीम पक्षियों के मरने की सूचना पर तुरंत कार्रवाई करती है। साथ ही तालाबों और जलाशयों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी मृत पक्षी की सूचना तुरंत क्यूआरटी को दें।
संक्रमण इंसानों के लिए भी खतरा
बर्ड फ्लू का संक्रमण केवल पक्षियों तक सीमित नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस इंसानों में भी फैल सकता है। इसे देखते हुए मृत पक्षियों के शव बेहद सावधानी से हटाए जा रहे हैं।
प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा ठिकाना जैसलमेर
हर साल लाखों प्रवासी पक्षी पश्चिमी देशों से जैसलमेर का रुख करते हैं। शांत और कम ठंडा वातावरण उन्हें आकर्षित करता है। जिले के देगराय, भादरिया, और लाठी जैसे क्षेत्रों में इन दिनों प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा देखा जा सकता है।