बता दें, पहले 11 जनवरी को लुणेरी तालाब के पास 6 कुरजां पक्षियों के शव मिले। इसके बाद 12 जनवरी को बीमार कुरजा पक्षियों की मौत हुई और उनके शवों को जांच के लिए भोपाल भेजा गया। फिर 13 जनवरी को रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।
प्रभावित क्षेत्र में सतर्कता बढ़ाई गई
इस घटना के बाद लुणेरी तालाब क्षेत्र को इंफेक्टेड हॉटस्पॉट एरिया घोषित किया गया है। संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। पशुपालन विभाग, वन विभाग और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की टीमों का गठन किया गया। वहीं, संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावित क्षेत्र में विशेष रसायन का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही हॉटस्पॉट क्षेत्र में आमजन और पशुओं के विचरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। मृत पक्षियों को सावधानीपूर्वक उठाकर सुरक्षित निस्तारण किया जा रहा है। जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक कर संक्रमण रोकने के लिए विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए। संयुक्त निदेशक (पशुपालन विभाग) डॉ. उमेश और डीएफओ आशुतोष ओझा के नेतृत्व में क्यूआरटी (QRT) टीमें गठित की गईं। संक्रमित क्षेत्र में 24 घंटे निगरानी के लिए गश्त लगाई जा रही है। प्रवासी पक्षियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पक्षियों के संक्रमण से डर का माहौल
दरइसल, बर्ड फ्लू के इंसानों में फैलने की आशंका से स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण पक्षियों से इंसानों तक फैल सकता है, इसलिए सतर्कता अत्यंत जरूरी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मृत पक्षियों के संपर्क में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।
क्या है बर्ड फ्लू?
बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है, एक वायरल संक्रमण है जो पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है। इसके लक्षण बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ जैसे होते हैं। इसलिए संक्रमित क्षेत्रों से दूर रहें, पक्षियों के मृत शवों के संपर्क में न आएं, और सफाई का विशेष ध्यान रखें। जिला प्रशासन ने भी लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। यदि किसी क्षेत्र में मृत पक्षी दिखाई दें तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें।