scriptRavindra Singh Bhati: ओरण और गोचर भूमि बचाने के लिए रविंद्र सिंह भाटी ने खोला मोर्चा, जैसलमेर से शुरू किया आंदोलन | Ravindra Singh Bhati started a movement from Jaisalmer to save Oran and Gochar land | Patrika News
जैसलमेर

Ravindra Singh Bhati: ओरण और गोचर भूमि बचाने के लिए रविंद्र सिंह भाटी ने खोला मोर्चा, जैसलमेर से शुरू किया आंदोलन

Rajasthan News: विधायक भाटी का कहना है कि कंपनी के पास क्षेत्र में 6-7 हजार बीघा जमीन पड़ी है। ऐसे में 200-300 बीघा जमीन को छोड़ना उसने लिए बड़ी बात नहीं है।

जैसलमेरNov 09, 2024 / 03:11 pm

Rakesh Mishra

ravinder singh bhati
Jaisalmer News: ओरण और गोचर भूमि को निजी कंपनी से बचाने के लिए शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने शनिवार को मोर्चा खोल दिया है। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी शनिवार को जैसलमेर के बहिया गांव पहुंच चुके हैं। जहां ओरण को बचाने के लिए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे हैं।

जनता से की अपील

इससे पहले रविंद्र सिंह भाटी ने आम जनता से इस आंदोलन में गोवंश के साथ आने के लिए कहा था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि यह लड़ाई मेरी, आपकी और उनकी नहीं है, यह लड़ाई उस गौमाता की है, जिसने हमें इस रेगिस्तान में जिंदा रखा, ओरण नहीं बचेगा तो गौवंश नहीं बचेगा और गौवंश नहीं बचेगा तो बचेगा क्या…..? कहीं हम वो आखिरी पीढ़ी तो नहीं जो अपने पूर्वजों (पाबूजी, गोगाजी, मेहाजी, हड़बूजी, जांभोजी, रामदेवजी, तेजाजी, आलाजी, पनराजजी, इत्यादि असंख्य वीरों और वीरांगनाओं) द्वारा गौमाता के लिए किए गए संघर्ष और दिए गए बलिदान के स्वर्णिम इतिहास को शून्य कर देंगे।

भाटी ने दिया था धरना

गौरतलब है कि गत बुधवार को झिनझिनयाली पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत गाले की बस्ती में सोलर प्लांट संबंधी कार्य करने गई कंपनी के प्रतिनिधियों को ग्रामीणों ने काम करने से रोका था। इसके बाद पुलिस ने 14 जनों को डिटेन किया। ऐसे में सूचना मिलने पर रविंद्र सिंह भाटी ने धरना देकर पुलिस कार्रवाई का विरोध किया। इसके बाद रविंद्र सिंह एक बार फिर क्षेत्र में ग्रामीणों के बीच पहुंचे और साफ किया कि जब तक संबंधित जमीन को ओरण में दर्ज नहीं करवाया जाता काम नहीं करवाने देंगे।
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भाटी का कहना है कि कंपनी के पास क्षेत्र में 6-7 हजार बीघा जमीन पड़ी है। ऐसे में 200-300 बीघा जमीन को छोड़ना उसने लिए बड़ी बात नहीं है। भाटी ने कहा कि इस जमीन पर एक हजार से ज्यादा खेजड़ी, केर और कुमट आदि के वृक्ष हैं। इतनी विशाल वन संपदा को कैसे उजाड़ा जा सकता है? भाटी ने कहा कि वे इस जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में ओरण भूमि के तौर पर दर्ज करवाने के लिए हर स्तर पर प्रयास व संघर्ष करेंगे।

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