जैसलमेर जिले के झिनझिनयाली थाना क्षेत्र के बईया गांव में निजी सोलर कम्पनी की तरफ से शुक्रवार को एक बार फिर काम शुरू करवाए जाने के खिलाफ ग्रामीणों ने धरना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक सरकार ओरण व गोचर को राजस्व का दर्जा देकर रिकॉर्ड में सुरक्षित नहीं करती, तब तक यहां किसी तरह का काम नहीं होगा। ग्रामीणों व पुलिस व प्रशासन के आमने-सामने आने की स्थिति में एक बार फिर शिव विधायक
रविन्द्र सिंह भाटी बईया पहुंचे और ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए। रविंद्र सिंह भाटी ने प्रशासन के अधिकारियों से बात की। इस दौरान तहसीलदार फतेहगढ़, सीओ सिटी पुलिस रूप सिंह इंदा व अन्य पुलिस अधिकारी धरना स्थल पर मौजूद रहे।
विधायक ने की लिखित गारंटी की मांग
शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने अधिकारियों से स्पष्ट किया कि यह केवल जमीन की लड़ाई नहीं है। यह गायों, प्रकृति और पश्चिमी राजस्थान के पर्यावरण को बचाने का संघर्ष है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से लिखित में आश्वासन की मांग की कि ओरण और गोचर भूमि को संरक्षित किया जाएगा। साथ ही कहा कि जब तक लिखित गारंटी नहीं मिलेगी, सोलर कंपनी यहां काम शुरू नहीं कर सकती। भाटी ने लगाया ये आरोप
भाटी ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान का यह इलाका हजारों मेगावाट बिजली पैदा करता है, लेकिन यहां की बिजली बाहर के राज्यों को भेजी जाती है। स्थानीय ग्रामीणों और उनके पशुधन को इसका कोई लाभ नहीं मिलता। उन्होंने सवाल किया कि क्या विकास के नाम पर हमारी सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण की बलि दी जाएगी?