रेलवे सुविधाओं के विकास की उम्मीद
-जैसलमेर रेलवे स्टेशन की पूरी तरह से कायापलट हो जाने के बाद इस पिछड़े क्षेत्र के बाशिंदों के साथ देश-दुनिया से आने वाले सैलानियों के लिए रेल सुविधाओं के विकास की भी उम्मीद जुड़ी हुई है।-माना जा रहा है कि रेलवे स्टेशन के पूर्णतया विकसित हो जाने के बाद यहां से लम्बी दूरी की नई ट्रेनों के संचालन का सिलसिला बढ़ेगा। वर्तमान में गिनती की लम्बी दूरी की ट्रेनों का संचालन वर्तमान में होता है और उनका भी समय यात्रियों के लिए असुविधाजनक है।
-जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर पुनर्विकास और सौन्दर्यकरण कार्यों के अलावा 52 करोड़ रुपए की लागत से ट्रेन अनुरक्षण डिपो का निर्माण भी अलग से करवाया जाना है। इसमें एक वॉशिंग लाइन दो हैवी रिपेयर और दो स्टेबल लाइन का भी निर्माण करवाया जाएगा। इन कार्यों से कई लम्बी दूरी की नई ट्रेनों के संचालन की राह प्रशस्त होगी।
508 स्टेशनों की कायापलट
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे के कुल 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य देश भर में जारी है। इसके तहत ही जैसलमेर में 140 करोड़ रुपए की लागत से रेलवे स्टेशन का एयरपोर्ट की तर्ज पर हो रहे पुनर्विकास के कार्य पिछले वर्ष शुरू करवाए गए थे। जैसलमेर सहित उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल के 15 स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के अन्तर्गत लगभग 860 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल के 15 स्टेशनों में जैसलमेर के अलावा जोधपुर, नागौर, नोखा, बाड़मेर, मेड़ता रोड, डीडवाना, गोटन, सुजानगढ़, रामदेवरा, बालोतरा, रेन, फलोदी, डेगाना व देशनोक शामिल हैं।फैक्ट फाइल
-140 करोड़ की लागत से हो रहे रेलवे स्टेशन पर कार्य -2025 तक कार्य पूरा होने की उम्मीद-70 प्रतिशत कार्य लगभग हुआ पूरा -48 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में हो रहा कार्य