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जैसलमेर

अस्पताल में अग्निकांड से निपटने के नाकाफी इंतजाम

जैसलमेर जिले के सबसे बड़े राजकीय जवाहिर अस्पताल में अग्निकांड जैसी आपदा से निपटने के इंतजाम नाकाफी है।

जैसलमेरNov 16, 2024 / 07:55 pm

Deepak Vyas

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जैसलमेर जिले के सबसे बड़े राजकीय जवाहिर अस्पताल में अग्निकांड जैसी आपदा से निपटने के इंतजाम नाकाफी है। पत्रिका पड़ताल में यह बात सामने आई है कि यहां फायर फाइटिंग सिस्टम अधूरा है, प्रशिक्षित स्टाफ की कमी है और अलार्म व वाटर टैंक जैसी जरूरी सुविधाएं भी मौजूद नहीं हैं। आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इस अस्पताल में सुरक्षा मानकों में कमी से दुर्भाग्यवश किसी बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि गत 10 सितंबर को अस्पताल के डायलिसिस वार्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। वार्ड में चार मरीज डायलिसिस करा रहे थे, जिन्हें समय रहते बाहर निकाल लिया गया। अग्निशमन गैस व दमकल टीम की मदद से आग पर काबू पाया गया। आग लगने से यहां विद्युत उपकरणों को नुकसान पहुंचा। हकीकत यह है कि राजकीय जवाहिर अस्पताल की मौजूदा सुरक्षा तैयारियां अग्निकांड जैसी आपदाओं से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं कही जा सकती। जानकारों की मानें तो त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की दरकार है, ताकि मरीजों और अस्पताल कर्मियों की जान खतरे में न पड़े।

मॉकड्रिल से सुधार का प्रयास

जवाहिर अस्पताल के डायलिसिस वार्ड में आग लगने की घटना के करीब एक पखवाड़े बाद 26 सितंबर को मॉकड्रिल मेंं आग पर काबू पाने और आग में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यिास किया गया।

सिस्टम बेहतर बनाने के प्रयास

फायरिंग सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए एनओसी की दरकार है, टेंडर जारी किया है। एनओसी मिलने के प्रशिक्षिति स्टाफ सहित सभी जरूरतों को पूर्ण कर लिया जाएगा। आग बुझाने जैसी स्थिति को परखने के लिए कुछ समय पूर्व मॉक ड्रिल जैसी एक्सरसाइज भी हुई थी।
-डॉ. चंदनसिंह तंवर, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जैसलमेर

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