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जैसलमेर

‘हां’ और ‘ना’ के बीच परेशान होते रहे मजदूर, कई घंटों बाद निर्णय हुआ, जिले से जाने की अनुमति नहीं

कोरोना ( Coronavirus ) के कहर औैर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ( Lockdown ) के बीच सरकारी स्तर पर छाया असमंजस सीमावर्ती जैसलमेर जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में मजदूरी करने आए बाहरी मजदूरों पर भारी पड़ गया।

जैसलमेरMar 30, 2020 / 01:32 am

abdul bari

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रतीकात्मक तस्वीर

जैसलमेर.
कोरोना ( coronavirus ) के कहर औैर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ( Lockdown ) के बीच सरकारी स्तर पर छाया असमंजस सीमावर्ती जैसलमेर जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में मजदूरी करने आए बाहरी मजदूरों पर भारी पड़ गया।
रविवार को सैकड़ों की तादाद में जैसलमेर शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों से बाहरी राज्यों व जिलों के मजदूर तथा उनके परिवारजन जिला मुख्यालय के मुख्य मार्गों से होते हुए बस अड्डों पर उमड़ आए और अपने घरों की ओर जाने के लिए बसों की राह तकने लगे। कई घंटों तक प्रशासन और पुलिस उन्हें यहां से वहां करते रहे और बाद में सरकार से मनाही का साफ निर्देश आने के बाद बाहरी मजदूरों को जैसलमेर में अपने ठिकानों की ओर लौट जाने के लिए कहा गया। इस बीच भूख से परेशान इन बाहरी लोगों के लिए मुख्यमंत्री जन रसोई में तैयार भोजन के पैकेट नगरपरिषद की तरफ से वितरित किए गए।

उमड़ आए गांव व शहर से लोग ( Jaisalmer News )


इससे पहले रविवार सुबह से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खेतिहर तथा अन्य मजदूरी का काम करने वाले और शहर में बैठे मध्यप्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों व प्रदेश के अन्य जिलों जयपुर, भरतपुर, अलवर आदि के मजदूर महिला-पुरुष और उनके छोटे-छोटे बच्चे सिर पर सामान की गठरियां लादे और हाथों में थैले आदि थामे मुख्य मार्गों पर उतर आए। गौरतलब है कि एक दिन पहले राज्य के परिवहन मंत्री ने बाहरी मजदूरों के लिए रोडवेज बसें लगाने की घोषणा की थी। जिसके बाद गांवों से उठकर श्रमिक जैसलमेर आ गए और उनमें से कुछ हनुमान चौराहा तो कुछ नीरज बस टर्मिनल और सैकड़ों की संख्या में बाड़मेर मार्ग स्थित केंद्रीय बस स्टेंड पर जमा हो गए।

मंजूरी व बस का करते रहे इंतजार


इस बीच उन्हें पुलिस अधिकारियों ने एक जगह जमा करवाया। जानकारी के अनुसार बाड़मेर मार्ग पर जमा तीन सौ से अधिक बाहरी लोगों की सूची बनाकर नायब तहसीलदार प्रशासनिक मंजूरी के लिए चले गए। मजदूर रोडवेज बस का इंतजार करते रहे। जब काफी देर तक बस नहीं आई तो जिला परिवहन अधिकारी से सम्पर्क करने का प्रयास कुछ स्वयंसेवी लोगों की ओर से किया गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। आखिरकार दोपहर बाद सरकार का फरमान आया कि लॉकडाउन की पालना करते हुए किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और बहुत जरूरी होने पर उपखंड अधिकारी के स्तर पर दी जा रही मंजूरी से ही शहर छोड़ा जा सकेगा। प्रशासन की ओर से यह निर्णय भी बाहरी मजदूरों को तुरंत नहीं बताया गया और शाम पांच बजे तक भी बड़ी तादाद में लोग नीरज बस टर्मिनल में एक दूसरे से सट कर बैठे हुए थे।
जो जहां है वहीं रहेगा


बाहरी मजदूरों के संबंध में गत एक-दो दिन से बने हालात के बीच सरकार ने आज स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके अनुसार किसी बाहरी व्यक्ति को जिला छोड़ कर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जो लोग खेतों में नियोजित थे, वे पूर्व की भांति काम करते रहेंगे। पूरी तरह से बेसहारा लोगों के रहने व भोजन का इंतजाम जिला प्रशासन करेगा।

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