जिसके रक्षक देवकी नंदन, दुनिया करती उसको वंदन, लोक गायिका सुमित्रा देवी ने दी ‘हरिजस’ की प्रस्तुति
जवाहर कला केंद्र में रविवार को हरि भजनों के साथ दिन की शुरुआत हुई। बरसते मेघ भी ‘लोक संगीत की जाजम’ बैठने से नहीं रोक पाए। शहरवासियों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर लोक गायिका सुमित्रा देवी और साथियों की प्रस्तुति का आनंद लिया। मौका था जेकेके व जाजम फाउंडेशन की ओर से आयोजित ‘हरिजस’ कार्यक्रम का।
जिसके रक्षक देवकी नंदन, दुनिया करती उसको वंदन, लोक गायिका सुमित्रा देवी ने दी ‘हरिजस’ की प्रस्तुति
जिसके रक्षक देवकी नंदन, दुनिया करती उसको वंदन
लोक गायिका सुमित्रा देवी ने दी ‘हरिजस’ की प्रस्तुति
बारिश के बीच सुनने पहुंचे शहरवासी
जयपुर। जवाहर कला केंद्र में रविवार को हरि भजनों के साथ दिन की शुरुआत हुई। बरसते मेघ भी ‘लोक संगीत की जाजम’ बैठने से नहीं रोक पाए। शहरवासियों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर लोक गायिका सुमित्रा देवी और साथियों की प्रस्तुति का आनंद लिया। मौका था जेकेके व जाजम फाउंडेशन की ओर से आयोजित ‘हरिजस’ कार्यक्रम का।
भजनों से बांधा समां
अलसुबह ही लोग कार्यक्रम के लिए जुटने लगे थे। आलम यह रहा कि बाहर बादल बरसते रहे और कृष्णायन सभागार में सुमित्रा देवी के श्रीमुख से भजनों की गंगा बहती रही। सुमित्रा देवी ने कालूराम जी रचित विघ्न हरो महाराजा गजानन्द गौरी के नंदा भजन से शुरुआत की। इसके बाद कबीर दास जी का गाड़ी धीरे-धीरे हांको, नारायण दास जी का वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे, मीरा बाई का सारा जग में नाम कमायो मीरा मेड़तणी, दल जी सेठ का भजन हेलो म्हारो सांभलो रूणीचा रा राजा समेत 9 भजन पेश किए। तंबूरे पर रूपदास, मंजीरे पर सुमेर दास और ढोलक पर इकबाल ने संगत की।
आगे आए महिलाएं
इस दौरान सुमित्रा देवी ने कहा कि पहले महिला कलाकारों के लिए समाज में पाबंदियॉं थीं। आज जब समाज बदल रहा है तो महिलाओं को इसका फायदा उठाकर अपनी कला को आगे बढ़ाना चाहिए। वहीं जाजम फाउंडेशन के निदेशक विनोद जोशी ने कहा कि लोक संगीत को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए जरूरी है कि कलाकारों को अधिक असवर प्रदान किए जाएं।
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