सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग आला अधिकारियों के साथ मंथन कर स्कूल खोलने की तैयारी कर रहा है। अब तक हुए विचार के अनुसार पहले चरण में नौवीं से बारहवीं तक कक्षाएं शुरू होंगी। इनमें से नौवीं, दसवीं और बारहवीं कक्षा में विद्यार्थी पिछली कक्षाओं से प्रमोट होकर आ गए हैं लेकिन दसवीं बोर्ड का परिणाम जारी नहीं हुआ है।
हालांकि ग्यारहवीं के विद्यार्थियों की पढ़ाई शिक्षा विभाग ने अस्थाई रूप से शुरू कर दी है। उनकी कक्षाएं भी चलाई जाएंगी, बाद में परिणाम दिया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य में अप्रेल की शुरुआत में सभी स्कूल बन्द कर दिए गए थे। इसके बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित हो गए। इसके बाद 7 जून से सभी सरकारी स्कूल खोल दिए गए लेकिन फिलहाल केवल शिक्षक उपस्थित हो रहे हैं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बातचीत
– पत्रिका: क्या स्कूल खोलने की तैयारी है?
– निदेशक: यह सरकार के स्तर का मामला है। निर्देश मिलने पर तैयारी शुरू करेंगे।
– पत्रिका: स्कूल खोले गए तो क्या व्यवस्था रहेगी?
– निदेशक: पहले केवल नौवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए खोलेंगे।
– पत्रिका: इसके लिए कोई गाइडलाइन तय की है?
– निदेशक: आदेश मिलते ही गाइडलाइन बनेगी। जहां बच्चे कम हैं, वहां १०० फीसदी और बच्चे अधिक हैं तो 50-50 फीसदी क्षमता के साथ बच्चों को बुलाएंगे। बच्चों को आने की बाध्यता नहीं होगी, ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। अभिभावकों की सहमति के बाद ही बच्चे स्कूल आ सकेंगे।
– पत्रिका: बच्चों को संक्रमण के खतरे से बचाना कैसे तय करेंगे?
– निदेशक: बच्चे पानी की बोतल घर से लाएंगे। स्कूलों में साबुन, सैनेटाइजर आदि की व्यवस्था कराएंगे। बच्चों को उचित दूरी के साथ बैठाया जाएगा। स्माइल प्रोग्राम जारी रहेगा, ताकि बच्चे घर से ही पढ़ाई कर सकें।
एक्सपर्ट व्यू: बचाव के उपाय करें, फिर खोलें
कोरोना संक्रमण कमजोर हुआ है। बच्चे लम्बे समय से घर पर ही पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल खोलना बच्चों के मानसिक विकास के लिए उचित है लेकिन सरकार को सम्बन्धित व्यवस्थाएं पुख्ता करनी होंगी। स्कूल खुलेंगे तो खासकर ग्रामीण बच्चों को भी राहत मिलेगी, जो ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन संक्रमण से बचाव के सभी उपाय कर सतत मॉनिटरिंग रखनी होगी।
– सुदर्शन कुल्हार, शिक्षाविद्
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स्कूल खोलना चुनौती से कम नहीं है। बच्चों के भविष्य और सुरक्षा को ध्यान में रखकर निर्णय करेंगे। अधिकारियों के साथ विचार किया है लेकिन अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री के साथ मिलकर करेंगे।
– गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्य मंत्री