धार्मिक और ज्योतिषीय ग्रंथों में विष्णुजी की कृपा प्राप्त करने के लिए एकादशी पर उनकी पूजा करना सबसे सरल उपाय बताया गया है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि स्कन्द पुराण में भी एकादशी तिथि पर व्रत रखकर विष्णु पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। पंचांग में एकादशी यानि ग्यारहवीं तिथि माह में दो बार आती है। पहली शुक्लपक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष के बाद आनेवाली एकादशी, इन दोनों एकादशी तिथियों का अलग ही महत्व है।
एकादशी पर व्रत रखकर विष्णु पूजा से यज्ञ करने से भी ज्यादा फल मिलता है। एकादशी को हरि वासर कहा गया है यानि यह भगवान विष्णु का दिन है। माना जाता कि इस व्रत को करने से पितरों को भी पुण्य और संतुष्टि मिलती है। इसको करने से जाने-अनजाने में हुए सभी पाप खत्म हो जाते हैं। हर एकादशी के अलग-अलग नाम हैं और अलग-अलग महत्व भी हैं। विजया एकादशी पर व्रत और पूजा से जहां विजय प्राप्ति होती है वहीं पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रदा एकादशी व्रत अहम होता है। मोक्षदा एकादशी पर विष्णु पूजन से मोक्ष मिलता है। इसी प्रकार अन्य एकादशियों का भी विशेष प्रयोजन होता है।
आमतौर पर एक साल में 24 एकादशी आती हैं खास बात यह है कि इस साल एकादशी तिथि ज्यादा है। पंचांग के अनुसार साल 2021 में एक एकादशी तिथि ज्यादा पड रही है अर्थात आमतौर पर साल में 24 की बजाए इस बार 25 एकादशी तिथि पड रहीं हैं। इसका मतलब यह है कि साल 2021 में 24 की जगह 25 एकादशी व्रत किए जाएंगे।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार तिथियों के क्षय-वृद्धि होने के कारण ऐसा होता है। इस साल ज्यादा एकादशी होने से विष्णुजी की पूजा-अर्चना भी ज्यादा होगी और उसी अनुपात में उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।