scriptGanesh Chaturthi : जयपुर के गणेश मंदिरों में मंगला व शयन आरती का रहेगा ये समय, यहां देखें मंदिरों में कार्यक्रम की टाइमिंग | Tomorrow a huge crowd of devotees will gather at the place of Ganesha without trunk, grand preparations are going on in Jaipur | Patrika News
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Ganesh Chaturthi : जयपुर के गणेश मंदिरों में मंगला व शयन आरती का रहेगा ये समय, यहां देखें मंदिरों में कार्यक्रम की टाइमिंग

Ganesh Chaturthi Celebration Jaipur : मोतीडूंगरी, नहर के गणेश, गढ़ गणेश, चांदपोल परकोटा गणेश व बंगाली बाबा गणेश मंदिर सहित अन्य गणेश मंदिरों में मुंबई की तर्ज पर विशेष रोशनी और सजावट की गई।

जयपुरSep 06, 2024 / 09:43 am

Supriya Rani

Ganesh Chaturthi 2024 : गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को शहर के गणेश मंदिरों में सिजारा महोत्सव मनाया जाएगा। भगवान गणपति का विशेष श्रृंगार कर उन्हें नवीन पोशाक धारण करवाई जाएगी। गुड़धानी व लड्‌डू आदि का भोग लगाकर डंके और मेहंदी अर्पित की जाएगी। मोतीडूंगरी, नहर के गणेश, गढ़ गणेश, चांदपोल परकोटा गणेश व बंगाली बाबा गणेश मंदिर सहित अन्य गणेश मंदिरों में मुंबई की तर्ज पर विशेष रोशनी और सजावट की गई।
नौनिहालों के ननिहाल पक्ष और बुआ के यहां से सिजारा जाएगा। इनमें कपड़े, खिलौने, डंके, गुड़ धानी भेजे जाएंगे। गणेश चतुर्थी पर शनिवार को घरों, विभिन्न सोसायटीज और अपार्टमेंट्स में विशेष पूजा अर्चना के साथ ही गणपति बापा को विराजमान किया जाएगा। वाहन, प्रोपर्टी ज्वेलरी की खरीदारी तथा अन्य शुभ कार्यों के लिए दिनभर कई योग रहेंगे। परकोटे के विभिन्न गणेश पोलों पर भी नगर निगम और सामाजिक संस्थाओं की ओर से पूजा की जाएगी।

मोती डूंगरी गणेश मंदिर में विशेष आयोजन

शुक्रवार को मेहंदी पूजन होगा। महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि महंत परिवार की ओर से लंबोदर का विशेष रूप से पारंपरिक श्रृंगार किया जाएगा। उन्हें विशेष गोटा पत्ती की पोशाक धारण करवाई जाएगी। श्रृंगार का भाव नौलड़ी का नौलखा द्वार होगा। हार में मोती, सोना, पन्ना, माणक आदि भाव स्वरूप दर्शाए जाएंगे। चांदी के सिंहासन पर स्वर्णं मुकुट धारण करवाकर भगवान को विराजमान किया जाएगा। विशेष पोशाक के साथ ही मेहंदी धारण कराई जाएगी। शाम 7:30 बजे से 3100 किलो मेहंदी श्रद्धालुओं को वितरित की जाएगी। भक्ति संध्या के बाद रात दस बजे शयन आरती होगी।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर की सबसे पुरानी और प्रसिद्ध मान्यता यह है कि राजस्थान में कहीं भी शादी हो तो लोग सबसे पहले भगवान गणेश को निमंत्रण देने यहाँ आते हैं। इस निमंत्रण को देने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश उस परिवार में आकर शादी-विवाह के सभी कार्यों को शुभता से पूर्ण करवाते हैं।
गढ़ गणेश मंदिर में 7 सितंबर की सुबह चार बजे गणपति का पंचामृत अभिषेक कर पुष्पमाला से श्रृंगार किया जाएगा। महंत प्रदीप औदीच्य ने बताया कि इस दिन भगवान गणपति वस्त्र धारण नहीं करते। मंदिर में भगवान गणपति बाल स्वरूप में विराजमान हैं। पांच बजे मंगला आरती होगी। सहस्त्र दुर्वाचन और मोदक अर्पित किए जाएंगे। रात 12 बजे शयन आरती होगी।
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बढ़ापुरी स्थित नहर के गणेश मंदिर में शुक्रवार शाम पांच बजे से विशेष श्रृंगार दर्शन होंगे। महंत प. जय शर्मा ने बताया कि भगवान गणेश को लहरिया पोशाक और साफा धारण करवाकर असंख्य मोदकों की झांकी सजाई जाएगी। मेहंदी पूजन कर मेहंदी और सिंदूर भक्तों में बांटा जाएगा।
चांदपोल स्थित परकोटा गणेश मंदिर में दुर्वा झांकी सजाई गई। पं. अमित शर्मा ने बताया कि गणेश जी की बेटियां मेंहदी लगाएगी। 101 किलो मेंहदी वितरित की जाएगी।

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