राज्य सरकार (
Rajasthan Government ) ने यह फैसला अभी तक प्रदेश भर से उठाए गए 310 जांच नमूनों में से 119 के फेल होने के बाद लिया है। चिकित्सा विभाग ने ये नमूने उठाए थे। करीब 50 प्रतिशत नमूनों में ये हानिकारक तत्व पाए जाने के बाद चिकित्सा विभाग ने इस तरह के पान मसालों पर प्रतिबंध का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था।
बुधवार को जयपुर में गांधी जयंती के अवसर पर चिकित्सा मंत्री ने इस प्रतिबंध की घोषणा की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और बिहार के बाद यह प्रतिबंध लगाने वाला राजस्थान तीसरा राज्य है। प्रदेश भर में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को पान मसालों के जांच नमूने उठाने के निर्देश चिकित्सा विभाग ने दिए हैं। इन नमूनों की जांच राज्य की सरकारी जांच प्रयोगशाला में करवाई जाएगी। जिसमें नमूने फेल होने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
तंबाकू से बने गुटखों पर पहले से रोक, लेकिन अलग अलग बिकने लगा था राजस्थान में तंबाकू से बने गुटखे पर पहले ही रोक है। कोर्ट के आदेश से लगी इस रोक के बाद पान मसाला कंपनियों ने तंबाकू और पान मसाला अलग-अलग बेचना शुरू कर दिया था। ऐसे में इस रोक का असर ज्यादा नजर नहीं आ रहा था। कांग्रेस के घोषणा पत्र और इस बार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (
CM Ashok Gehlot ) के बजट भाषण में युवाओं में नशे की लत को रोकने के लिए घटिया सामग्री को नियत्रित कर पूरी तरह रोक लगाने की कार्ययोजना बनाने की घोषणा की गई थी। सरकार ने इसी घोषणा का हवाला देते हुए उक्त प्रतिबंध की घोषणा की है।
अब यह आया बदलाव दरसअल, अभी तक भी खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ही कार्यवाहियां की जा रही थी। लेकिन उसमें नमूने फेल होने पर मिलावटी खाद्य सामग्रियों की तरह कार्यवाही होती थी और कार्यवाही कानूनी आधार पर होती थी। जिसमें सजा व जुर्माने दोनों ही तरह के प्रावधान हैं। लेकिन अभी तक संबंधित हानिकारक पान मसाले को बाजार से हटवाने और उसके निर्माण पर रोक का प्रावधान नहीं था। लेकिन अब नमूनो फेल होने पर संबंधित बैच के निर्माण,उत्पादन और भंडारण पर रोक लगाई जाएगी। अभी तक दवा के नमूने फेल होने पर भी इसी तरह रोक लगाई जाती है।