पहली बार राजधानी जयपुर से बाहर उदयपुर में आयोजित हो रहे राज्य स्तरीय समारोह में शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने वर्ष 1995 में भामाशाहों के सम्मान की परिपाठी शुरू की, जो आज भी जारी है। इसके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। इस वर्ष प्रदेश के विद्यालयों के लिए 140 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का सहयोग भामाशाहों के माध्यम से प्राप्त हुआ। इस राशि से विद्यालय में भौतिक सुविधाओं के साथ ही स्मार्ट क्लासेज, संसाधन आदि की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने दान का महत्व बताते हुए कहा कि जिस तरह कुएं से सिंचाई के लिए पानी निकालने पर कुछ ही घंटों में कुआं वापस भर जाता है, इसी प्रकार धन को सद्कर्म में लगाने से दुगुने लाभ की प्राप्त होती है।
मंत्री दिलावार ने कहा कि दूसरों की पीड़ा समझने वाला कभी साधारण नहीं हो सकता। शिक्षा के लिए दान देने वाले सभी भामाशाह देवतुल्य हैं, जो बच्चों की पढ़ाई में आने वाली पीड़ा को समझते हुए उनके लिए सुविधाएं जुटाने सहयोग करते हैं।
राज्य स्तरीय समारोह के नोडल अधिकारी व संयुक्त निदेशक (स्कूल शिक्षा) महेंद्र कुमार जैन ने बताया कि सर्वाधिक 14 करोड़ 11 लाख 57 हजार 824 रुपये दान देकर न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड रावतभाटा (राजस्थान) ने सबसे बड़ा दानवीर बनने का गौरव हासिल किया है। दूसरे नंबर पर 8 करोड़ 73 लाख 15 हजार 21 रुपये दान देकर चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड रहा। वहीं मोडिसन चौरिटेबल ट्रस्ट मुंबई ने 8 करोड़ 50 लाख रुपये, टेम्पल बोर्ड नाथद्वारा ने 6 करोड़ 97 लाख रुपये, क्यूआरजी फाउंडेशन अलवर ने 5 करोड़ 71 लाख 94 हजार 793 रुपये, गौतम आर. मोरारका, उत्तर प्रदेश ने 3 करोड़ 78 लाख 25 हजार 174 रुपये, एसएम सहगल फाउंडेशन गुरूग्राम ने 3 करोड़ 51 लाख 85 हजार 567 रुपये, हल्दीराम एजुकेशनल सोसायटी नई दिल्ली ने 3 करोड़ 44 लाख 13 हजार 616 रुपये, जीव जतन जन कल्याण ट्रस्ट पश्चिम बंगाल ने 2 करोड़ 75 लाख रुपये, गोपाल राठी, भीलवाड़ा ने 2 करोड़ 63 लाख रुपये, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड हुरड़ा भीलवाड़ा ने 2 करोड़ 15 लाख 31 हजार 777 रुपये, रवीन्द्र हेरियस प्राइवेट लिमिटेड उदयपुर ने 2 करोड़ 12 लाख 58 हजार 983 रुपये, नटवर लाल पुरोहित, सिरोही: 2 करोड़ 5 लाख 15 हजार 499 रुपये, शंकर लाल पितलिया भीलवाड़ा ने 2 करोड़ 1 लाख 22 हजार 196 रुपये, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड कायड माइंस अजमेर ने 1 करोड़ 80 लाख 42 हजार रुपये, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड जयपुर ने 1 करोड़ 73 लाख 52 हजार 203 रुपये दान किए। इसी प्रकार आरएचआई मेग्रेसिटा इंडिया लिमिटेड भिवाड़ी ने 1 करोड़ 60 लाख 70 हजार 27 रुपये, जिंक स्मेल्टर, देबारी उदयपुर ने 1 करोड़ 53 लाख 22 हजार 98 रुपये, वंडर सीमेंट लिमिटेड, निम्बाहेड़ा चित्तौडगढ़़ ने 1 करोड़ 48 लाख 30 हजार 975 रुपये, जयपुर राउंड टेबल ट्रस्ट ने 1 करोड़ 32 लाख 21 हजार रुपये, उदयपुर राउंड टेबल ट्रस्ट ने 1 करोड़ 19 लाख 10 हजार 800 रुपये दान एचजी इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड जयपुर ने 1 करोड़ 15 लाख 95 हजार 37 रुपये, (इंडिया इन्फोलाइन फाउंडेशन ने 1 करोड़ 15 लाख 3 हजार 381 रुपये, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड जावर माइंस ने 1 करोड़ 14 लाख 31 हजार 765 रुपये, दिव्या खंडेलवाल पत्नी आलोक खंडेलवाल जयपुर ने 1 करोड़ 8 लाख 90 हजार 696 रुपये, मोज़ेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गुडग़ांव ने 1 करोड़ 8 लाख 44 हजार रुपये, मोतीलाल रायचंद ने 1 करोड़ 6 लाख 30 हजार रुपये, साउथ वेस्ट माइनिंग लिमिटेड ने 1 करोड़ 5 लाख 20 हजार 483 रुपये, मयूर यूनिकोटर्स लिमिटेड, जयपुर ने 1 करोड़ 4 लाख 81 हजार 354 रुपये, चौकसी हेरियस प्राइवेट लिमिटेड ने 1 करोड़ 1 लाख 99 हजार 43 रुपये वबालचंद मोतीराम शर्मा, मुंबई ने 1 करोड़ रुपये दान किए हैं। इन भामाशाहों को शिक्षा विभूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया।