scriptजयपुर में रेजिडेंट्स की हड़ताल पर बोले प्रिंसिपल, कहा : पढ़ने आए है या नेतागिरी करने, SMS व अन्य अस्पतालों में बिगड़े हालात | The principal and superintendent spoke on the residents' strike in Jaipur and said: they are on strike, | Patrika News
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जयपुर में रेजिडेंट्स की हड़ताल पर बोले प्रिंसिपल, कहा : पढ़ने आए है या नेतागिरी करने, SMS व अन्य अस्पतालों में बिगड़े हालात

राजधानी जयपुर में रेजिडेंट्स डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। जिसकी वजह से एसएमएस सहित अन्य अस्पतालों के हालात बिगड़ गए है।

जयपुरOct 15, 2024 / 10:49 am

Manish Chaturvedi

जयपुर। राजधानी जयपुर में रेजिडेंट्स डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। जिसकी वजह से एसएमएस सहित अन्य अस्पतालों के हालात बिगड़ गए है। डेंगू व मौसमी बीमारियों का सीजन चल रहा है। लेकिन अस्पतालों में सही तरीके से मरीजों की जांच व उपचार नहीं हो पा रहा है। पत्रिका ने इस संबंध में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ दीपक माहेश्वरी व अस्पताल अधीक्षक डॉ सुशील भाटी से बात की है। जिन्होंने रेजिडेंट्स की इस हड़ताल को हठताल बताया है। उन्होंने कहा कि रेजिडेंट्स की ओर से हठधर्मिता की जा रही है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
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ये कर रहे है रेजिडेंट्स मांगें…

रेजिडेंट डॉक्टरों की ओर से आठ सूत्री मांगे की जा रही है। जिसमें उनकी सुरक्षा, स्टाइपेंड में 30-35% की वृद्धि, स्पेशलिटी चिकित्सा अधिकारियों की सीधी भर्ती, अनिवार्य बॉंड की शर्त को हटाना, एचआरए कटौती के विकल्प और सीनियर रेजिडेंट्स की वेतन विसंगति को दूर करने जैसी मांगें शामिल हैं।

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पढ़ने आए है या नेतागिरी करने आए है: प्रिंसिपल

रेजिडेंट्स की स्ट्राइक को लेकर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ दीपक माहेश्वरी से पूछा गया तो उन्होंने इस हड़ताल को गलत बताया। उन्होंने कहा कि ये पढ़ने के लिए आए है या नेतागिरी करने के लिए आए है। इन्हें वेतन भी उचित मिलता है। अन्य सुविधाएं भी मिल रही है। इसके बावजूद हर बार स्ट्राइक कर देते है। जिसकी वजह से अस्पतालों में हालात बिगड़ जाते है। मरीजों को परेशान होना पड़ता है। क्या गारंटी है कि आज इनकी बात मान ली जाए तो फिर ये एक महीने या दो महीने बाद किसी बात को लेकर स्ट्राइक नहीं करेंगे। अब इसे लेकर कड़े निर्णय लिए जाएंगे। सरकार स्तर पर वार्ता की जाएगी। ताकी भविष्य में ऐसा नहीं हो।

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रेजिडेंट्स को खुद मरीजों का दर्द समझना चाहिए : अधीक्षक

रेजिडेंट्स की ओर से स्ट्राइक कर दी जाती है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। हमारी ओर से कोशिश यही होती है कि अस्पताल में सेवाएं प्रभावित नहीं हो। सीनियर फैकल्टी व्यवस्थाएं संभालती है। फिर भी रेजिडेंट्स की स्ट्राइक का बहुत असर होता है। ओपीडी में, वार्डो में और जांचों में स्ट्राइक होने के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है।
1000 से ज्यादा आपरेशन टले …

रेजिडेंट्स की स्ट्राइक के कारण एसएमएस अस्पताल में प्लानिंग आॅपरेशन टल रहे है। मरीजों को पहले से दिए गए तारीख के अनुसार आॅपरेशन नहीं हो पा रहें है। हर दिन करीब 150 से ज्यादा आपरेशन टल रहे है। ऐसे में हालिया दिनों में स्ट्राइक के कारण 1000 से ज्यादा आॅपरेशन टल गए हैं। सिर्फ इमरजेंसी में आॅपरेशन व जांचे की जा रही है।
हर दिन 2000 से ज्यादा सोनोग्राफी अटकी…

रेंजिडेंट्स की स्ट्राइक के कारण मरीजों की सोनोग्राफी अटक गई है। सबसे ज्यादा जनाना, गणगौरी, सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय के हालात खराब है। यहां पर एक हजार से ज्यादा सोनोग्राफी हर दिन महिलाओं की नहीं हो पा रही है। इसके अलावा एसएमएस, जयपुरिया, जेके लोन व कांवटिया अस्पताल में एक हजार से ज्यादा सोनोग्राफी हर दिन टाली जा रही है। रेजिडेंट्स की स्ट्राइक के कारण सोनोग्राफी के लिए मजबूरन मरीजों को बाहरी निजी लैब पर जाकर सोनोग्राफी व अन्य जांचे करानी पड़ रही है।
जब तक नहीं होगी मांगें पूरी, तब तक रहेगी हड़ताल जारी…

जार्ड अध्यक्ष डॉ मनोहर सियोल ने कहा कि 8 अक्टूबर से हम हड़ताल कर रहे है। जयपुर में 2400 से ज्यादा रेजिडेंट्स स्ट्राइक पर है। इसके अलावा जोधपुर, कोटा, उदयपुर व अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी रेजिडेंट्स दो घंटे की स्ट्राइक कर रहे है। ऐसे में प्रदेश में करीब आठ हजार रेजिडेंट्स स्ट्राइक कर रहे है। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी। तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी।

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