scriptआटा मिलों में पहुंचा गेहूं… मैदा, सूजी और आटे के गिरे दाम | The prices of wheat, flour, maida and semolina fell in the mills | Patrika News
जयपुर

आटा मिलों में पहुंचा गेहूं… मैदा, सूजी और आटे के गिरे दाम

आटा मिलों में एफसीआई का गेहूं पहुंचने से इसके उत्पादों में तेजी थम गई है। अगर सरकार यही फैसला दिसंबर में कर लेती तो गेहूं में रिकार्ड महंगाई से बचा जा सकता था।

जयपुरFeb 17, 2023 / 10:44 am

Narendra Singh Solanki

मिलों में पहुंचा गेहूं, आटा, मैदा और सूजी के दाम गिरे

मिलों में पहुंचा गेहूं, आटा, मैदा और सूजी के दाम गिरे

आटा मिलों में एफसीआई का गेहूं पहुंचने से इसके उत्पादों में तेजी थम गई है। अगर सरकार यही फैसला दिसंबर में कर लेती तो गेहूं में रिकार्ड महंगाई से बचा जा सकता था। जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं के भाव 2500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रह गए हैं। ज्ञात हो केन्द्रीय पूल में गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में सरकार के अनुसार गेहूं का स्टॉक 40 फीसदी के करीब कम है। सीजन में निर्यातकों की चौतरफा लिवाली के चलते मंडियों में गेहूं के भाव उछल गए थे। परिणामस्वरूप सरकार को 2015 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी पर गेहूं लक्ष्य से काफी कम मिल सका था।
यह भी पढ़ें

खुशखबरी: सोने-चांदी में बड़ी गिरावट, शादियों के सीजन में राहत, 1250 रुपए तक लुढ़क गया सोना, चांदी भी पड़ी फीकी

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी कीमतें

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि सरकार को पूरे सीजन में केन्द्रीय पूल के लिए कुल मिलाकर 188 लाख टन गेहूं ही मिल पाया था। यहीं कारण रहा कि जनवरी में गेहूं की कीमतें 3200 रुपए प्रति क्विंटल के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई थी। बाद में सरकार ने 2 फरवरी को खुले बाजार में टेंडर के माध्यम से गेहूं की बिक्री शुरू कर दी, जिससे गेहूं के भाव उतरना शुरू हो गए। व्यापारियों के अनुसार एफसीआई आज भी गेहूं के टेंडर जारी कर रही है। लिहाजा गेहूं के भाव और घट सकते हैं। सरकार दो महीने पहले टेंडर द्वारा गेहूं की बिक्री करती तो गेहूं की रिकार्ड महंगाई को रोका जा सकता था।
https://youtu.be/k0UsP9EZWD8

Hindi News/ Jaipur / आटा मिलों में पहुंचा गेहूं… मैदा, सूजी और आटे के गिरे दाम

ट्रेंडिंग वीडियो