जगदीश और रामधन ने कबूला कि जनवरी में प. बंगाल के एक तस्कर से संपर्क हुआ था। उसने पाकिस्तान में भारतीय नोट छापने की प्रेस के बारे में जानकारी दी। पाकिस्तान से नकली नोटों की खेप बांग्लादेश के रास्ते भारत आती है। दोनों आरोपी नकली नोट खरीदने के लिए बांग्लादेश बार्डर तक गए।
दोनों आरोपियों ने 60 हजार रुपए की वैध मुद्रा देकर 1.76 लाख रुपए के नकली नोट खरीदे थे। नोटों की अलग-अलग सीरीज है। इन्हें बनाने में इस्तेमाल हुआ कागज अच्छी क्वालिटी का है। पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि इन्हें राजधानी के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में खपाया जाना था।
वहीं दूसरी ओर जयपुर में गत 26 अगस्त को साइबर ठगों ने एटीएम कार्ड बदलकर मानसरोवर, आयकर नगर निवासी व्यक्ति को 20 हजार रु. की चपत लगा दी। बाद में पीडि़त की पुत्री गरिमा सिंघल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने बताया कि दुर्गापुरा स्थित एटीएम में पीडि़त दीपचंद ने कार्ड लगाया, लेकिन वह एटीएम के भीतर नहीं गया। वहां पहले से मौजूद लडक़ों में से एक ने पीडि़त से कार्ड लेकर मशीन में लगाया। पीडि़त द्वारा पिन नंबर डाले जाने के बाद भी रुपए नहीं निकले। फिर पीडि़त रीको कांटा, न्यू सांगानेर रोड स्थित बूथ पहुंचे जहां कि एटीएम कार्ड बदले जाने का पता चला। इस पर उन्होंने बेटी को फोन किया कि इस दौरान बीस हजार रुपए निकाले जाने का मैसेज गरिमा के मोबाइल पर आया। फिर तत्काल कार्ड ब्लॉक कराया गया।