एलिवेटेड रोड पर कई जगह तो सडक़ ही उखड़ गई और ५० से अधिक लोहे की जालियां चोरी हो चुकी हैं।
दअरसल, इस सडक़ का कार्यादेश पिछले वर्ष 10 जून को जेडीए ने दिया था। 19 जून से काम शुरू होना था और चार महीने काम खत्म करना था, लेकिन एक वर्ष बाद भी जेडीए काम शुरू नहीं करवा पाया है।
सही सडक़ पर बिछा रहे मोटी चादर
एलिवेटेड रोड के नीचे सडक़ का काम चल रहा है। पुलिस आयुक्तालय से लेकर पुरानी चुंगी तक सडक़ निर्माण पर जेडीए 5.30 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। जबकि, यह सडक़ खराब नहीं थी। जेडीए ने इस पर लीपापोती कर दी।
इसलिए जेडीए फेल
-जेडीए अधिकारियों का दावा है कि कई पत्र लिखे, लेकिन अनुमति नहीं मिली।
-ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में यातायात पुलिस ने यातायात सुधार के कई सुझाव दिए। उन पर जेडीए ने काम भी शुरू कर दिया। फिर जेडीए अनुमति क्यों नहीं ले पाया।
आम तौर पर अनुमति दे देते हैं। बी टू बाइपास पर भी ट्रैफिक का डायवर्जन किया है। यदि काम 24 घंटे का है तो डायवर्जन करते हैं। अनुमति संबंधी पत्र मुझे नहीं मिला है।
-सागर, डीसीपी ट्रैफिक
यातायात पुलिस को पत्र भी लिखे हैं और हाल ही डीसीपी ट्रैफिक से मुलाकात कर जानकारी भी दी है। लेकिन अब तक अनुमति नहीं मिली है। अनुमति मिलते ही काम शुरू करवाएंगे।
– अजय गर्ग, निदेशक, अभियांत्रिकी शाखा, जेडीए