कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मंजू बाघमार ने कहा कि वर्तमान समय में हम नैतिक मूल्यों से दूर होते जा रहे हैं। बड़ों को चरणस्पर्श करने में हमें झिझक महसूस होती है। भीड़ के बीच भी हम अपने आप को अकेला महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे परिदृश्य में जरूरतमंद के लिए हाथ बढ़ाना, गले लगाना और बड़ों का आशीर्वाद ही काम करता है। श्रीमती बाघमार ने पीआरएसआई, जयपुर चैप्टर के पदाधिकारियों को इतने अच्छे और समसामयिक विषय पर फोटोग्राफी प्रतियोगिता करने की बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के विषय से हम स्वयं को, अपने समाज और बच्चों को नैतिक मूल्य की शिक्षा दे सकते हैं। भारत की विश्व गुरु की संस्कृति को आत्मसात कर सकते हैं।
चयनित प्रविष्टियों में प्रथम पुरस्कार प्रभा गुर्जर (जयपुर), द्वितीय पुरस्कार एग्रोनील मण्डल (शान्ति निकेतन – पश्चिम बंगाल), तृतीय पुरस्कार कीर्ति कंवर (हरिदेव जोशी जनसंचार पत्रकारिता वि.वि.), प्रशंसा पुरस्कार अनिशा कम्बोज (वनस्थली विद्यापीठ), सतीश मीणा (वैदिक कन्या महाविद्यालय, जयपुर) व नकुल चिंकारा (द्वारका दिल्ली) को दिए गए। वहीं 40 चयनित प्रविष्ठियों को प्रमाण पत्र दिए गए।