मीना ने गुरूवार को कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी और नकली उर्वरकों पर अंकुश लगाने के लिए रबी फसल की बुवाई से पहले 15 नवंबर तक विशेष गुण नियंत्रण अभियान चलाया जाए। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने इसकी विज्ञप्ति भी जारी की।
खास बात यह है कि मीना विभाग का कामकाज देखने के सवाल पर लगातार दोहरा रहे हैं कि वे मंत्री पद छोड़ चुके हैं। पत्रकारों से बातचीत में मीना दावा तक कर चुके हैं कि इस्तीफे के साथ ही उन्होंने सरकारी गाड़ी तक छोड़ दी। साथ ही वह मंत्रालय भवन तक में नहीं बैठते।
अब तक किरोड़ी का इस्तीफा मंजूर नहीं
पिछले दिनों भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों के समक्ष मीना ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से यह आग्रह भी किया था कि उनका इस्तीफा स्वीकार करके उन्हें तत्काल मुक्त किया जाए। हालांकि मुख्यमंत्री ने अब तक किरोड़ी का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। कैबिनेट बैठक में भी शामिल हुए थे किरोड़ी मीना
पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में गए तो बाहर आकर कहा कि वे मंत्रिमंडल के समक्ष अपनी बात रखने गए थे। जब राज्य भारी बरसात की वजह से आपदा की स्थिति बनी तब भी उन्होंने बतौर आपदा राहत मंत्री के बैठकों से दूरी बनाए रखी। ऐसे में मुख्यमंत्री ने आपदा स्थिति में कामकाज संभाला। बजट सत्र में भी मीना विधानसभा में उपस्थित नहीं हुए थे। ऐसे में मुख्यमंत्री को उनके मंत्रालय के जवाब देने की जिम्मेदारी अन्य मंत्री को सौंपनी पड़ी थी। राजस्थान पत्रिका ने इस मामले पर किरोड़ी का पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।