संस्कृत शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने बताया विभाग को &2 हजार 772 अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र मिले। विभाग ने 21 नवंबर को अस्थायी वरीयता की कट ऑफ जारी कर दी। कट ऑफ तथा अस्थायी वरीयता सूची के संबंध में &0 नवंबर, 2017 तक आपत्तियां भी मांगी गई हैं। 4 से 15 दिसंबर तक प्रमाण-पत्र और अंकतालिकाओं के सत्यापन के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। सत्यापन के बाद स्थायी वरीयता सूची जारी कर नियुक्तियों की कार्रवाई प्रारम्भ कर दी जाएगी।
मंत्री ने बताया लेवल द्वितीय के 571 अध्यापकों के पदों पर भर्ती की कार्रवाई जल्द ही की जाएगी। इनकी न्यूनतम योग्यता बीएड के साथ रीट या आरटेट में प्राप्तांक 60 प्रतिशत रखी गई है। उन्होंने बताया राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने वाले प्राध्यापक (विभिन्न विषय) के 1&4 पद, प्रधानाध्यापक (प्रवेशिका) के 42 एवं वरिष्ठ अध्यापक (विभिन्न विषय) के 690 पदों की भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग के स्तर पर प्रक्रियाधीन है।
वहीं दूसरी ओर सेंट्रल प्लेसमेंट एजेंसी ने शुरू किया छात्रों को रोजगार देनाउद्योगों की मांग और उनसे सांमजस्य स्थापित कर स्थानीय छात्रों को रोजगार उपलब्ध कराने की पहल अब रंग लाने लगी है। उ‘च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने बताया सेंट्रल प्लेसमेन्ट सेल (सीपीसी) के जरिए 89 इंजीनियरिंग छात्रों को
जयपुर की एक कंपनी में प्लेसमेंट दिया गया है। गौरतलब है कि तकनीकी शिक्षा विभाग के जयपुर स्थित सेन्टर फॉर इलेक्ट्रॉनिक गर्वनेंस (सीईजी) ने सेंट्रल प्लेसमेंट सेल (सीपीसी) के माध्यम से डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के लिए 17 नवंबर को एक मेगा प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया था।
इसमें रा’य के विभिन्न &5 राजकीय व निजी पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। साक्षात्कार के बाद जयपुर की इलेक्ट्रिक कंपनी ने 89 छात्र-छात्राओं का चयन कर जॉइनिंग कराने के निर्देश दिए। सीईजी निदेशक डॉ. अविनाश पंवार ने बताया मार्च में सेंट्रल प्लेसमेंट सेल बनने के बाद अभी तक इंजीनियरिंग व डिप्लोमा के लगभग 415 विद्यार्थियों का प्लेसमेंट विभिन्न कंपनियों में करवाया गया है। उन्होंने कहा आने वाले दिनों में भी इस तरह के विभिन्न मेगा प्लेसमेंट ड्राइव के आयोजन होते रहेंगे, जिससे रा’य के बेरोजगार छात्र-छात्राओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सकें।