संस्कृत कॉलेज शिक्षा में पदनाम बदलेंगे. 16 साल बाद भर्ती की राह खुली
संस्कृत कॉलेज शिक्षा में राजस्थान संस्कृत शिक्षा महाविद्यालय शाखा सेवा नियम 2022 लागू कर दिया गया है।
संस्कृत कॉलेज शिक्षा में पदनाम बदलेंगे. 16 साल बाद भर्ती की राह खुली
जयपुर। संस्कृत कॉलेज शिक्षा में राजस्थान संस्कृत शिक्षा महाविद्यालय शाखा सेवा नियम 2022 लागू कर दिया गया है। कार्मिक विभाग ने गुरुवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। इसके बाद अब संस्कृत कॉलेजों में भर्ती और सेवा नियम, संस्कृत कॉलेजों में शिक्षकों के पदनाम बदलेंगे। अभी तक व्याख्याता कहे जाने वाले शिक्षक असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर कहलाएंगे। इसके अलावा शिक्षकों की पदोन्नति एकेडमिक स्कोर के आधार पर होगी। पदोन्नति के लिए पीएचडी और शोध जरूरी होगा। दूसरी ओर संस्कृत कॉलेजों में 16 साल बाद भर्ती की राह खुलेगी। अब कॉलेजों में सहायक आचार्य की भर्ती निकाली जा सकेगी
न्यूनतम 40 नंबर लाना जरूरी होगा
नए सेवा नियम के तहत संस्कृत कॉलेजों में सहायक आचार्य की भर्ती की हर परीक्षा में न्यूनतम 40 नंबर लाना जरूरी होगा। इसके अलावा तीनों विषयों में औसत अंक 36 फीसदी जरूरी होंगे। इसके बाद मेरिट निकाली जाएगी।
2006 के बाद नहीं हुई भर्ती.पदोन्नति
इससे पहले राजस्थान संस्कृत शिक्षा महाविद्यालय शाखाद्ध सेवा नियम 1978 लागू था। इसमें संशोधन किया गया है। नियम पुराना होने के कारण 2006 में संस्कृृत कॉलेज शिक्षा में नई भर्ती और पदोन्नतियां रोक दी गई थीं। इससे 33 कॉलेजों में 200 शिक्षकों की जगह 55 शिक्षक ही कार्यरत थे।
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