सांसद बेनीवाल का कहना है कि पुराना बजट भाषण पढ़ना बजट लीक की श्रेणी में ही आता है। ठीक इसी तरह की घटना तत्कालीन गहलोत सरकार में पहले भी हो चुकी है। उन्होंने पूर्व में हुई घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि वर्ष 1998 में गहलोत सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान एक निर्दलीय विधायक सुबह 10 बजे ही बजट कॉपी बाहर लेकर आ गए थे। तब भी बजट लीक हुआ था और अब भी दूसरी बार बजट लीक हुआ है।
आरएलपी सांसद ने कहा कि पुराना बजट पढ़ने के इस ताज़ा घटनाक्रम ने प्रदेश को हंसी का पात्र बना दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस शर्मसार करने वाली घटना का कारण बने दोषी अधिकारियों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया।