रेडाणा के इस समुद्र को देखने के लिए आस-पास के गांव कस्बों से नहीं बल्कि बाड़मेर जिले के बाहर से भी कई परिवार यहां आ रहे हैं। महिलाएं, युवतियां और बच्चों समेत बड़ी संख्या में लोग यहां गोवा बीच जैसा लुत्फ उठाते नजर आते हैं। हर कोई सेल्फी लेता भी दिखाई देता है।
जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर लगभग 5 किमी लम्बा और 3 किमी चौड़ा यह रण चिकनी मिट्टी के चलते पानी को नहीं सोखता, जिससे एक बड़ी झील का रूप ले चुका है। यह जगह प्रवासी पक्षियों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र है।
दरअसल, रेडाणा गांव बाड़मेर जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर और भारत-पाकिस्तान की सरहद से 60 किलोमीटर दूर है। गाडरा रोड पंचायत समिति का यह गांव भी सरहदी जिलों के अन्य गांवों की तरह ही है। यहां भी दूर-दूर तक सिर्फ रेत का समंदर है। बेहद कम बारिश वाला इलाका है। तापमान में यहां 50 डिग्री तक पहुंच जाता है।
स्थानीय निवासी नरपतसिंह रेडाणा ने बताया कि इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए प्रचार-प्रसार होने से प्रतिदिन आस-पास के सैकड़ों सैलानी यहां पहुंच रहे हैं। यहां कई बार घुड़दौड़ प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई हैं।