अरुणिमा सिंहा की जीवनी से हुई प्रेरित
2011 में अरुणिमा सिंहा की जीवनी सुनी। पैर नहीं होने के बाद भी उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर पहुंच गई। वहीं से प्रेरणा मिली। सोचा मैं सिर्फ देख नहीं सकती लेकिन सुन सकती हूं और चल सकती हूं। तभी से किताब को रेकॉर्ड कर सुनकर पढ़ाई की। आरएएस बनकर अपना सपना पूरा किया है।